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बिजनौर - गर्भवती महिला को भर्ती करने से किया अस्पताल ने इंकार, प्रसव के दौरान जमीन पर गिरा नवजात, हुई मौत

रिपोर्ट - बिजनौर/उत्तर प्रदेश (विभोर कौशिक)

जिला महिला अस्पताल मे प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को भर्ती करने से मना कर दिया गया। अस्पताल कर्मचारियो पर यह आरोप है कि पैसे नही देने के कारण महिला को देखा तक नही गया और उसे मेरठ या किसी निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी गयी।

दर्द से कराह रही पत्नी को लेकर पति पैदल ही अस्पताल के गेट की ओर चल दिया। वह गेट तक पहुॅचा ही था कि प्रसव हो गया और जमीन से टकराने के चलते नवजात की मौत हो गयी। इस हादसे के बाद जब शोर मचा तो अस्पताल  कर्मचारियो की हालत खराब हो गयी और आनन फानन मे महिला को भर्ती कर लिया गया। इस प्रकरण मे महिला के परिजनो ने जिला महिला अस्पताल के डॉक्टरो और कर्मचारियो के खिलाफ जमकर हंगामा किया। यह तथ्य भी उजागर हुआ कि जिला महिला बिजनौर वैसे तो सरकारी है परन्तु यहॉ मरीजो से जमकर उगाही की जाती है। 

नगीना के मौहल्ला कलालान निवासी का निवासी लईक मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है। उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर पहले कोतवाली देहात स्थित सरकारी अस्पताल मे भर्ती कराया गया। कोतवाली देहात से एम्बूलेन्स से प्रसूता को जिला अस्पताल भेज दिया गया। जब प्रसूता को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुॅचे तो कर्मचारियो ने प्रसव कराये जाने के लिये उनसे पैसे की मॉग की। लईक ने उन्हे अपनी गरीबी का हवाला दिया तो उसकी पत्नी को देखे बिना ही यह कहकर टाल दिया गया कि यहॉ प्रसव नही कराया जा सकता। पहले लईक से पत्नी को निजी अस्पताल ले जाने के लिये कहा गया पर गरीबी का हवाला देने पर यह कह दिया गया कि मेरठ मेडिकल ले जाये। तमाम कोशिशो व मिन्नतो के बाद भी लईक की पत्नी शाहीन को भर्ती नही किया गया। इसी बीच वहॉ तक उन्हे छोड़ने आयी सरकारी एम्बूलेन्स भी वहॉ से जा चुकी थी। इस स्थिति मे क्या किया जाये यह सोचते हुए लईक पैदल ही पत्नी को उठाकर अस्पताल के गेट की ओर चल दिया। वह मुख्य गेट पर पहुॅचा ही था कि दर्द से कराह रही शाहीन का प्रसव हो गया और शाहीन के अनुसार नवजात की जमीन पर टकराने से मौत हो गयी। लईक और शाहीन के शोर मचाने पर अस्पताल के कर्मचारी वहॉ पहुॅचे और उन्हे अन्दर ले गये। यह मामला बुधवार देर रात का है। सूचना मिलने पर लईक के अन्य परिजन भी अस्पताल पहुॅच गये। बुधवार की रात तथा गुरूवार को भी जिला अस्पताल मे डॉक्टरो व कर्मचारियो के खिलाफ लईक व उसके परिजनो ने जमकर हंगामा किया। बुधवार की रात को सीएमएस स्वयं भी अस्पताल मे नही थी। इस सम्बन्ध मे मालूम करने पर सीएमएस आभा वर्मा ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। 

सीएमओ बिजनौर डा0 राकेश मित्तल का कहना है कि जिला महिला अस्पताल की सीएमएस का इस मामले मे कहना है कि महिला को भर्ती कर लिया गया था। वह अस्पताल परिसर मे टहल रही थी, तभी प्रसव हो गया था। अस्पताल कर्मचारियो ने यदि पैसे की मॉग की है अथवा भर्ती करने से मना किया है तो जॉच करायी जायेगी तथा दोषियो के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।  

पूर्व मे भी दिसम्बर 2017 मे इसी अस्पताल मे सरकारी तन्त्र की लापरवाही के चलते 24 घन्टे मे ही 5 नवजात मौत का ग्रास बन चुके है। उस समय भी अस्पताल कर्मचारियो के पैसा मॉगने व लापरवाही को लेकर परिजनो ने काफी हंगामा किया था। तत्कालीन डीएम ने जॉच के आदेश भी दिये थे परन्तु लीपापोती के चलते अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई है।