आगामी पंचायत चुनावों से ठीक पहले मेरठ पुलिस ने सरधना थाना क्षेत्र में अवैध तमंचा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। यह फैक्ट्री गांव से बाहर एक खेत में बने ट्यूबवेल के कमरे में छिपकर चलाई जा रही थी। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में बने और अधबने तमंचे बरामद किए हैं और दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है।
पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान एसपी देहात अभिजीत सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले सर्विलांस टीम को सरधना क्षेत्र में एक अवैध तमंचा फैक्ट्री संचालित होने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही टीम ने काम शुरू किया और जल्द ही फैक्ट्री की सटीक जानकारी प्राप्त की। सर्विलांस टीम ने सरधना पुलिस से संपर्क किया और कल शुक्रवार की देर शाम संयुक्त रूप से छापामार करवाई की गयी। इस छापामार करवाई में नलकूप की कोठरी में चलाई जा रही अवैध तमंचा फैक्टरी का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने मौके से दो अभियुक्तो को गिरफ्तार किया है। इनके नाम जान मोहम्मद उर्फ जानू पुत्र हाशिम ,निवासी ग्राम नवाबगढ़ी, सरधना और आस मोहम्मद उर्फ आशु पुत्र राशिद , निवासी ग्राम पिठलोकर, सरधनाहै।
नलकूप के अंदर चल रही फैक्ट्री से 17 अर्ध-निर्मित और 6 निर्मित तमंचे बरामद किए गए हैं। एसपी देहात के अनुसार दोनों आरोपी शातिर बदमाश हैं और पहले भी सलाखों के पीछे रह चुके हैं। आरोपी आस मोहम्मद 2005 में भी पकड़ी गई एक अवैध तमंचा फैक्ट्री के मामले में जेल जा चुका है। शुरुआती जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि ये तस्कर अब तक करीब 250 से ज्यादा अवैध तमंचे बाजार में खपा चुके हैं। आरोपियों ने बताया कि वे एक तमंचा ₹3,000 से ₹5,000 में बेचा करते थे। एसपी देहात अभिजीत सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के अलावा इस गिरोह में साबिर नामक एक और व्यक्ति का नाम सामने आया है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है। साबिर के अलावा गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
पुलिस के इस खुलासे के बाद मेरठ में खलबली मच गई है। आगामी समय में पंचायत चुनाव भी होने हैं, ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि कहीं ये तमंचे चुनाव में इस्तेमाल के लिए तो नहीं बनाए जा रहे थे। एसपी देहात ने बताया कि पुलिस फिलहाल आरोपियों के नेटवर्क खंगालने और अन्य कई बिंदुओं पर गहराई से जांच कर रही है ताकि पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके।
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