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बख्तावर शाह की फाइल फोटो |
पाठको को बताना उचित होगा कि गत 19 जलाई को थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव में विवादित धर्मस्थल की छत से पड़ोस में रहने वाले दूसरे समुदाय के घर में लेजर की रौशनी डाली जा रही थी। इसका विरोध किये जाने पर दोनों समुदाय एक लोग आमने सामने आ गए थे। इस दौरान हुए विवाद में एक पक्ष पूर्व प्रधान के पुत्र तेजपाल को खींचकर धर्मस्थल के अंदर ले गए थे और लाठी डंडो से जमकर पीटा था। इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुए तेजपाल की उपचार के दौरान मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की स्थिति बन गयी थी। मौके पर पहुंचे एसएसपी व अन्य उच्च अधिकारियो ने किसी प्रकार स्थिति को नियंत्रित किया था और मौके पर पीएसी तैनात की गयी थी। इस घटना की जाँच करने पर पीआरडी जवान बख्तावर शाह का नाम सामने आया था। जांच में पाया गया था कि बख्तावर शाह ही इस घटना का सूत्रधार है। पुलिस ने बख्तावर शाह, उसके पुत्रों समेत करीब 50 नामजद लोगो के साथ ही 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बख्तावर समेत कई अन्य आरोपियों को अगले दिन ही जेल भेज दिया गया था। इस मामले में की गयी जांच के बाद बख्तावर का नाम सूत्रधार के रूप में सामने आने पर जिलाधिकारी व एसएसपी ने उसके खिआफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई किये जाने हेतु शासन से अनुमति मांगी थी। शासन ने पूरी घटना व पुलिस द्वारा की गयी जांच को दृष्टिगत रखते हुए बख्तावर शाह के खिआफ़ रासुका के तहत कार्रवाई किये जाने की संस्तुति दे दी है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि शाही के गौसगंज गांव में खुराफातियों की वजह से माहौल बिगाड़ने जैसी स्थिति बनाई गयी थी। जिसे पुलिस बल ने समय रहते संभाल लिया। इसमें विवेचना के दौरान सामने आया कि बख्तावर शाह ही घटना का असली सूत्रधार है। पीआरडी जवान रहते हुए वह गांव में रौब झाड़ता था जिसकी वजह से सामाजिक वैमनस्य फैल रहा था। इसलिए उस पर रासुका लगाने के लिए पैरवी की गई जिसकी संस्तुति मिल गई है।
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