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मदरसे में गंदा खेल : छात्राएं बोली वो गोद में बैठाता, गंदी हरकते करता, रोकने पर मार और गाली मिलती

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Lucknow/Uttar Pradesh

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने भी शुरु की मदरसे के संबंध में जांच, विपक्षी दल के बोल ऐसी घटनाएं प्रदेश सरकार की विफलता।
धीरेन्द्र सिंह
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मदरसे के अंदर छात्राओं के साथ यौन शोषण की घटना ने पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। मदरसों के अंदर राष्ट्रगान और तिरंगा फहराने की बात भर से कई बार उठ जाने वाले विवाद के बाद मदरसों के अंदर छात्राओं की सुरक्षा बड़ा मुद्दा बनकर खड़ा हो गया है। लखनऊ के सहादतगंज में स्थित मदरसे में शुक्रवार को छात्राओं के साथ यौन शोषण की शिकायत मिलने के बाद 52 लड़कियों को छुड़ाने की पुलिस ने चंद घंटों में बड़ी कार्रवाई की। लेकिन यहां से बाहर निकली छात्राओं ने जो अपनी दर्द ए दास्तां बयां की उससे प्रदेश भर में मदरसों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर बढ़ा सवाल खड़ा हो गया है।
छात्राओं ने रोज इज्जत तार-तार करने वाला दर्द किया बयां
सआदतगंज थाना क्षेत्र के यासीनगंज में जामिया ख़दीजातुल लीलनवात मदरसे के अंदर कई छात्राओं के कैद होने की सूचना से शहर में हड़कंप मच गया। इस व्यक्ति ने मदरसे की इमारत से छात्राओं द्वारा मदद की गुहार लगाने वाली चिठ्ठी के संबंध में एसएसपी दीपक कुमार को बताया। इसके बाद पुलिस ने बिना देर किए प्रशासन की टीमों के साथ मिलकर छापेमारी की। मदरसे में कैद 52 लड़कियों को पुलिस ने मुक्त कराया। वहीं आरोपी संचालक कारी तैयब जिया को मौके से गिरफ्तार किया गया।
कारी तैयब जिया के चंगुल से निकलने वाली छात्राओं ने जो खुलासे किए, वह चौकाने वाले थे। छात्राओं ने पुलिस को बताया कि तैयब जिया उनके साथ गंदी हरकते करता था। यहां तक की वह हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के बार-बार अपने कमरे में बुलाता था, इसके बाद उन्हें गोद में बैठने के लिए मजबूर करता था। वहीं कुछ लड़कियों ने इल्जाम लगाया कि तैयब उनसे कपड़े उतार कर शरीर भी दबवाता था। जब भी किसी लड़की ने उसकी बात मानने से इंकार किया, तैयब और उसके अन्य साथी छात्राओं को बुरी तरह मारे और गालियां देते थे। हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं लंबे समय से यह सब सहती आ रही थी।
कागज के टुकड़े ने कैद से दिलाई आजादी
एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक छात्राओं ने किसी तरह मदरसे की इमारत के बाहर उन्हें बचाने से जुड़ा एक खत लिखकर बाहर फेंका। इस पर स्थानीय लोगों की नज़र पड़ी। फिर पुलिस तक इसकी सूचना पहुंची। एक कागज के टुकड़े पर छात्राओं ने अपने साथ हो रही यातनाओं का जिक्र किया, इसी के दम पर पुलिस व प्रशासन ने मदरसे पर रातों-रातों छापेमारी कर उन्हें दरिदें की कैद से मुक्त करा लिया।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग जांच में जुटा
शुरु की जांचएएसपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मामला बेहद चिंताजनक और गंभीर है। इस मामले को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी भी जांच में जुट गए है। छात्राओं की शिकायत सुनने के साथ मदरसे की मान्यता के संबंध में भी जांच की जा रही है।
52 के अलावा अन्य छात्राओं से भी होगी पूछताछ
पुलिस के मुताबिक मदरसे में 125 छात्राएं पढ़ती हैं। इनमें से काफी छात्राएं अपने घर गई हुई थी। पुलिस मदरसे से मुक्त कराई गई छात्राओं के अतिरिक्त उन सभी छात्राओं से जानकारी जुटाएगी, जो छुट्टी पर या घर गई हुई थी। संभवता उन छात्राओं द्वारा भी आरोपी तैयब व अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए जा सकते हैं।
क्या कह रहें जिम्मेदार
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि आरोपी कारी तैयब जिया को शनिवार को जेल भेज दिया गया है। वहीं पुलिस और सीडब्ल्यूसी छात्राओं के बयान दर्ज कर रही है। सभी छात्राओं से महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में शिकायत दर्ज की जा रही है।
मदरसे की घटना पर गरमाई राजनीति
बीजेपी प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा सरकार अपने वादे के मुताबिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसी का नतीजा है कि मदरसे में ऐसे घटना की जानकारी मिलते ही फौरन कार्रवाई हुई। दोषी कोई भी हो उसे छोड़ा नहीं जाएेगा।
कांग्रेस प्रवक्ता जीशान हैदर का कहना है इस तरह के गंभीर मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आरोपी किसी भी हाल में बचने नहीं चाहिए।
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