रिपोर्ट - न्यूज इन्डिया 17 (संजय कुमार शर्मा)
आज जोधपुर केन्द्रीय कारागार मे नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी आसाराम को उम्र कैद व अन्य सहयोगियो को 20 - 20 साल की सजा सुनायी गयी। कल मंगलवार को आसाराम ने भगवान पर भरोसा जताते हुए कहा कि होत वही जो राम रचि राखा आज ऐसा लगा जैसे राम ने ही आसाराम का साथ नही दिया। जोधपुर कोर्ट ने आज नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले मे आसाराम सहित 3 लोगो को दोषी करार दिया तथा अन्य दो आरोपियो को बरी कर दिया गया। आज आसाराम के मामले मे यह फैसला जस्टिस मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर केन्द्रीय कारागार मे सुनाया। जिरह के दौरान आसाराम के वकीलो ने उसकी अधिक उम्र का वास्ता देकर कम सजा की मॉग की थी। सजा सुनाये जाने के बाद आसाराम जोर जोर से रोने लगा तथा उम्र का लिहाज करते हूए जज से कम सजा की मॉग भी की। आसाराम ने सीने मे दर्द की शिकायत की। जोधपुर एम्स के चिकित्सको से उसका स्वास्थय परीक्षण कराया गया।
यहॉ यह बताना भी उचित होगा कि आसाराम की गिरफतारी के समय भड़के दंगो को ध्यान मे रखते हुए सुरक्षा कारणो से जोधपुर कोर्ट ने जेल मे ही फैसला सुनाने का निर्णय किया था। कोर्ट ने आसाराम के सहयोगी शरत चन्द्र व शिल्पी को भी दोषी करार दिया है। इस मामले मे अन्य दो आरोपियो शिवा व प्रकाश को बरी कर दिया गया है।
फैसला सुनाये जाने के बाद पीडि़ता के पिता ने कहा कि आसाराम को दोषी ठहराये जाने से उनको न्याय मिला है। उन्होने उन सभी को धन्यवाद भी दिया जो इस लड़ाई मे लगातार उनका समर्थन कर रहे थे। उन्होने कहा कि उन गवाहो को भी अब न्याय मिला है जिनकी हत्या अथवा अपहरण किया गया था।
छूसरी ओर आसाराम की प्रवक्ता नीलम दूबे ने कहा कि हम कानून के अन्य जानकारो से बातचीत करेंगे और कार्रवाई करेंगे। उन्होने यह भी कहा कि हमे न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है।
आसाराम व उसके पुत्र नारायण सॉई के खिलाफ चल रहे विभिन्न वादो मे मुख्य गवाह बने पानीपत के गॉव सहौली निवासी महेन्द्र चावला ने अपनी जान को खतरा बताते हुए अतिरिक्त सुरक्षा की मॉग की है। आसाराम को दोषी ठहराये जाने से पहले उन्होने कहा कि मै न्यायपालिका से ऐसे दुष्कर्मियो को फॉसी दिये जाने का अनुरोध करता हूॅ। उन्होने कहा कि मेरे पास पहले से सुरक्षा है लेकिन मै अतिरिक्त सुरक्षा दिये जाने के लिये केन्द्र से अनुरोध करता हूॅ क्योकि अन्य गवाहो की तरह ही मेरा जीवन भी खतरे मे है।
एक तरफ आसाराम को दोषी ठहराया जा रहा था व फैसला सुनाया जा रहा था दूसरी ओर आसाराम के अनुयायी विभिन्न आश्रमो मे एकत्र होकर आसाराम की रिहाई के लिये पूजा कर रहे थे, लेकिन उनकी यह पूजा आसाराम के किसी काम नही आ सकी।
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोप मे आसाराम को 31 अगस्त 2013 को इन्दौर से गिरफतार किया गया था। गिरफतारी के बाद से आसाराम जेल मे ही था। पीडि़ता ने आसाराम पर उस समय यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे जब वह छिन्दवाड़ा के आश्रम मे कक्षा 12 की छात्रा थी। पीडि़ता बीमार होने पर अपने पिता के साथ 14 अगस्त 2013 को आसाराम से मिलने जोधपुर आश्रम पहुॅचे थे। अगले दिन 15 अगस्त 2013 को आसाराम ने नाबालिग पीडि़ता को अपनी कुटिया मे बुला लिया तथा दुष्कर्म जैसी घिनौनी घटना को अंजाम दिया। पीडि़ता ने जब यह सूचना अपने माता पिता को दी तो 20 अगस्त 2013 की मध्य रात्रि को दिल्ली के थाना कमलानगर मे एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। इस मामले को जोधपुर ट्रॉसफर कर दिया गया था। जोधपुर पुलिस ने जॉच के बाद 30 अगस्त 2013 को आधी रात के समय आसाराम को इन्दौर स्थित उसके आश्रम से गिरफतार किया था।
उत्तर प्रदेश के शाहजहॉपुर स्थित पीडि़ता के घर पर 5 पुलिसकर्मी तैनात किये गये है। पुलिस अधीक्षक शाहजहॉपुर के.बी. सिंह के अनुसार पीडि़ता के घर के बाहर सीसीटीवी कैमरो से भी नजर रखी जा रही है।