उत्तर प्रदेश - राम मंदिर निर्माण को लेकर महंत परम हंस दास ने की 6 दिसंबर को आत्मदाह की घोषणा, विहिप व शिव सेना के कार्यक्रम को बताया चुनावी कार्यक्रम
रिपोर्ट - न्यूज़ डेस्क, न्यूज़ इंडिया 17 से मुख्य संपादक संजय कुमार शर्मा।
राम मंदिर निर्माण की मांग के समर्थन में हफ्तों तक आमरण अनशन करने वाले तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास छह दिसम्बर को आत्मदाह करेंगे। उन्होंने शुक्रवार को यह ऐलान करते हुए आत्मदाह के 13 दिन पहले चिता पूजन किया। उन्होंने बाकायदा मंदिर के मुख्य द्वार पर लकड़ी की चिता बनाई और फिर स्वत: पूजन किया। इसके बाद चिता के मध्य खड़े होकर उन्होंने मोदी व योगी सरकार को जमकर कोसा।
उन्होंने कहा कि उनका अनशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुड़वाया था और आश्वासन दिया था कि वह उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट करवाएंगे और मंदिर निर्माण के लिए भी पहल करेंगे। महंत श्री दास ने कहा कि इस आश्वासन के बावजूद अभी तक न तो केन्द्र सरकार की ओर से राम मंदिर निर्माण के लिए कोई पहल की गई और न ही उन्हें बुलाकर प्रधानमंत्री से भेंट ही कराई गई। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में मैं मंदिर के लिए अपने प्राणों का त्याग करने के लिए संकल्पबद्ध हूं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गंगा की स्वच्छता के लिए संत प्रो.जीडी अग्रवाल ने अपना प्राण त्यागा था, उसी प्रकार मैं भी प्राण त्याग दूंगा। उन्होंने कहा कि शायद उनकी शहादत के बाद केन्द्र सरकार की आंख खुल जाए।
उन्होंने मंदिर निर्माण के समर्थन में अयोध्या आ रहे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे एवं विहिप की ओर आयोजित धर्मसभा को चुनावी कार्यक्रम बताया और कहा कि चुनावी वर्ष में इस प्रकार के हथकंडे पहले भी अपनाए जाते रहे हैं। इसका मंदिर निर्माण से कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले मंदिर के मुख्य द्वार पर चिता सजाते हुए देखकर आसपास के लोगों की भीड़ एकत्र होकर कौतुहल भरे नजरों से पूरे नजारे को देखती रही।