रिपोर्ट - मुरादाबाद/उत्तर प्रदेश से जिला प्रभारी सत्यवीर यादव।
जिला अस्पताल में उपचार के बाद वापस जिला कारागार भेजा गया एक कैदी जेल के गेट पर घंटों तड़पता रहा। उसकी नहीं सुनी गई। देर शाम तक उसका दाखिला जेल में नहीं हो पाया था।
परिजनों के मुताबिक रतनलाल अक्टूबर 2018 से मुरादाबाद जिला कारागार में कैद है। जेल में रहने के दौरान ही वह पक्षाघात की चपेट में आ गया। कैदी की तबियत इस कदर बिगड़ी कि कारागार प्रशासन को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। 25 जून को जिला अस्पताल में दाखिल कराए गए कैदी का उपचार गुरुवार तक चला।
गुरुवार को अस्पताल प्रशासन ने उसे डिस्चार्ज कर दिया। इसके बाद बीमार रतनलाल को साथ लेकर उसकी पुत्री जिला कारागार पहुंची। वह पिता को कारागार में दाखिल कराने की कोशिश में जुटी। महिला का आरोप है कि कारागार प्रशासन रतनलाल को जेल में दाखिल करने से परहेज कर रहा है। ऐसे में पेड़ की छांव में बीमार पिता को लेकर उसकी बेटी घंटों बैठी रही। घटना ने जेल प्रशासन की संवेदनशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा किया है।
इस संबंध में जेलर जितेंद्र प्रसाद तिवारी से कई बार बात की गई। एक बार फोन उठाकर मीटिंग में होने की बात कही, उसके बाद फोन नहीं उठाया।