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नहटौर - फर्जी दस्तावेजो के आधार पर नगर पालिका मे हुई नियुक्ति का हुआ खुलासा, पढिये पूरा प्रकरण

रिपोर्ट - नहटौर/जिला बिजनौर से संवाददाता अनवार अहमद।
   

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             कहते है कि झूठ और फरेब हासिल किया गया कोई भी मुकाम या कोई भी सफलता लम्बे समय तक साथ नही देती है और ऐसा ही कुछ घटित हो रहा है नगर पलिका परिषद नहटौर मे फर्जी दस्तावेजो के आधार पर लगभग 22 वर्ष सेवा कर चुके घनश्याम सिंह के साथ, जी हॉ नगर पालिका परिषद नहटौर मे कार्यरत     अपने पिता के देहान्त के बाद घनश्याम सिंह ने मृतक आश्रित कोटे मे उक्त नियुक्ति फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रो के आधार पर प्राप्त कर ली थी। इस प्रकरण मे कुछ संगठनो ने भी ज्ञापन दिया था तथा जॉच कराने की मॉग की थी।

नगर पालिका परिषद नहटौर मे दिनॉक 21 जनवरी 1997 को घनश्याम सिंह को मृतक आश्रित कोटे मे उनके पिता स्वर्गीय दलीप सिंह के स्थान पर नियुक्त किया गया था। वर्ष 1997 से अभी तक घनश्याम सिंह लगभग 22 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके है। नगर के निवासी वसीउददीन जो स्वयं भी नगर पालिका परिषद से प्रधान लिपिक पद से सेवा निवृत्त है ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त सूचना के आधार पर खुलासा किया है कि घनश्याम सिंह ने जो शैक्षिक दस्तावेज नियुक्ति प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत किये है वो पूर्णतया फर्जी है। इस संबध मे वसीउददीन ने चैयपर्सन को भी लिखित मे सूचित किया हैै। वसीउददीन के अनुसार चैयरपर्सन के अतिरिक्त माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश, मंडलायुक्त मुरादाबाद, जिलाधिकारी बिजनौर आदि को भी उन्होने पत्र के साथ प्राप्त की गयी जानकारी की छाया प्रति प्रेषित की है। वसीउददीन ने बताया कि घनश्याम सिंह ने जो स्थानान्तरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है वो डीएसएम इंटर कॉलेज, कॉठ, जिला मुरादाबाद से निर्गत हुआ दिखाया गया है तथा उस पर एस0आर0 नम्बर 1225 अंकित है परन्तु इसके सबंध मे कॉलेज से सूचना मॉगे जाने पर जानकारी मिली कि उक्त एस0आर0 नम्बर पर कोई गोपीचन्द विश्नोई पुत्र रामस्वरूप सिंह का नाम अंकित है। उक्त कॉलेज से ही जारी दिखायी गयी हाईस्कूल की अंकतालिका पर अंकित किया गया अनुक्रमॉक 950986 पर भी परीक्षार्थी का नाम तसलीम अहमद खॉ पुत्र अब्दुल हमीद खॉ है। इतना ही नही उक्त कॉलेज से जारी दिखाये गये स्थानान्तरण प्रमाण पत्र व हाईस्कूल अंकतालिका जो वर्ष 1979 की हाईस्कूल परीक्षा के लिये जारी की गयी है पर प्राचार्य के स्थान पर किये गये हस्ताक्षर भी पूरी तरह फर्जी है। कॉलेज से प्राप्त सूचना के अनुसार सत्र 1916 - 17 से अभी तक उक्त नाम के कोई प्राचार्य उनके यहॉ कभी नियुक्त नही रहे है।

वसीउददीन ने सूचना के अधिकार के तहत सूचना प्राप्त कर घनश्याम सिंह ने नियुक्ति प्राप्ति हेतु जो फर्जीवाड़ा किया है उसका तो खुलासा कर दिया है तथा सारी सूचनाओ से सक्षम अधिकारियो को भी पत्र भेजकर सूचित किया है परन्तु वसीउददीन अभी तक उक्त प्रकरण मे दोषी घनश्याम सिंह को केवल निलंबित किये जाने को लेकर आश्चर्य मे है। उनका कहना है कि जॉच मे दस्तावेज गलत पाये जाने पर घनश्याम सिंह को न केवल निलंबित किया जाना उचित है बल्कि सक्षम अधिकारी द्वारा एफआईआर दर्ज करायी जानी चाहिये। उक्त के सबंध मे कुछ दिनो पूर्व ही हिन्दु युवा सेना के पदाधिकारियो व कार्यकर्ताओ ने एक ज्ञापन भी सौंपा था।


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