अमरोहा - बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के निरीक्षण में खुली परिषदीय स्कूलों की पोल, प्रधानाध्यापक व शिक्षिका न लिख सके आशीर्वाद
रिपोर्ट - अमरोहा/उत्तर प्रदेश से जिला प्रभारी घनश्याम शर्मा।
जनपद अमरोहा के बेसिक परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता का बुरा हाल है। एक स्कूल की शिक्षिका जब आशीर्वाद सही नहीं लिख पाईं तो वहां की प्रधानाध्यापक से लिखवाया गया, मगर उन्होंने भी गलत ही लिखा। इसके बाद तीसरे शिक्षक ने सही ढंग से लिखकर उन्हें दिखाया। इसी तरह एक स्कूल में विद्यालय ही गलत लिखा मिला। वहीं स्कूल के अंदर गंदगी व जूतों के बीच किताबें रखी पाई गईं। प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के निरीक्षण के दौरान बीएसए के सामने इसकी पोल खुली।प्रदेश सरकार बेसिक परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैय्या कराने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही हैं। बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए साठ-साठ हजार रुपये वाले शिक्षक स्कूलों में रखे हैं, ताकि बच्चे पढ़ लिखकर आगे बढ़ सके, लेकिन बहुत से शिक्षक सरकार की मंशा पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने बीएसए गौतम प्रसाद के सामने बुढऩपुर द्वितीय स्थित प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षिका से ब्लैक बोर्ड पर आशीर्वाद लिखने को कहा। शिक्षिका ने आर्शीवाद लिख दिया। इसके बाद उन्होंने प्रधानाध्यापिका को बुलाया तो उन्होंने आशीवाद लिखा। इस पर उन्होंने बीएसए को ऐसे स्कूलों में निरीक्षण बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके बाद वह डिडौली प्रथम स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। वहां तो स्कूल के ऊपर विद्यालय की जगह विदयालय लिखा मिला। उन्होंने स्कूल की प्रधानाध्यापिका समेत अन्य शिक्षकों को बुलाकर चेतावनी दी। बुढऩपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय का जब कक्ष खुलवाया गया तो उसमें बच्चों के लिए लाई गई किताबें जूतों के बीच पड़ी थी। कमरे में गंदगी फैली थी।