रिपोर्ट - मुरादाबाद/उत्तर प्रदेश से जिला प्रभारी सत्यवीर यादव।
कटघर थाना क्षेत्र में मां-बेटी ने लोगों से ठगी करने का ऐसा जाल बुना कि आप भी सोचकर हैरान रह जाएंगे। इस जाल में जो भी फंसा बस, फंसता ही चला गया। ठगी का शिकार हुए एक सिपाही के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने पर करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश हुआ। हरकत में आई पुलिस ने मसले में आरोपित मां-बेटी को गिरफ्तार कर लिया है।
ठगी का शिकार हुए अनिल कुमार सिंह पुत्र राममूर्ति सिंह हाथरस के गुबरानी थाना मुरसान के रहने वाले हैं और आगरा में सिपाही के पद पर तैनात है। सोशल मीडिया पर एक मारकेबिल कंपनी नाम से वेबसाइट का विज्ञापन देखा। ऑनलाइन और ऑफलाइन निवेश करने वालों को मात्र चार माह में पैसा दोगुना करने का दावा किया गया था। दिए गए मोबाइल नंबर पर बात की तो मोटा लाभ कमाए जाने की बात कही। किसी ने पांच लाख तो किसी ने बीस लाख कमाने की बात बताई। कटघर थाने के सामने कंपनी के ऑफिस पहुंचकर भी जानकारी की। इसके बाद कंपनी में साढ़े छह लाख रुपए निवेश कर दिए। कुछ समय तक हर माह मोटा ब्याज भी दिया गया। अचानक ब्याज देना बंद हुआ तो बात करने पर मां-बेटी टरकाने लगी।
दोबारा कटघर आकर कंपनी की डायरेक्टर निशा त्यागी पत्नी महेंद्र सिंह त्यागी से बात की तो बताया कि कंपनी घाटे में चल रही है। मूलधन वापस कर दिया जाएगा। इसी बीच कंपनी में मोटा निवेश करने वाले पचास से अधिक लोग भी पहुंच गए। तब पता चला कि करोड़ों रुपए लोगों ने मोटा लाभ कमाने के उद्देश्य से निवेश किए गए हैं। बुधवार को कटघर थाने पहुंचकर तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। देर शाम पुलिस ने कंपनी की डायरेक्टर निशा त्यागी प उसकी बेटी शैली त्यागी को गिरफ्तार कर लिया। इंस्पेक्टर कटघर देवेश सिंह ने बताया कि फरार अन्य जालसाजों की तलाश की जा रही है।
धन दोगुना करने के नाम पर झांसा देकर लोगों की मोटी रकम हड़पने वाले असली गुनहगार तो ठाकुरद्वारा का बृजभान सिंह हैं। वह कंपनी का एमडी था। उसका मामा अनिल भी साथ में रहता था। अफजलगढ़ के नईम अहमद भी मामले में संलिप्त है। पुलिस का कहना है कि विवेचना चल रही है। इस नेटवर्क और भी जो नाम आएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
धीरज सिंह, जयप्रकाश कुंतल, मानवेंद्र सिंह, अजीत सिंह ,धर्मïवीर सिंह, राजेश चौधरी, ममता देवी, महीपाल सिंह, अनिल कुमार आदि पुलिस और सेना के जवानों को ठगा गया है।
शैली त्यागी और उसकी मां का कहना है कि कंपनी तो बृजभान की थी। उन्होंने मुझे तो नौकरी पर रखा था। बाद में डायरेक्टर बना दिया। मैंने देखा कि यह लोग घपला कर रहे हैं तो इस्तीफा दे दिया था।