गजरौला में माघ पूर्णिमा पर तिगरी स्थित गंगा में स्नान करने आया सुनील गंगा में डूबकर लापता नहीं हुआ था बल्कि उसका तीन लोगों ने अपहरण किया था। मंगलवार की तड़के वह अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटकर जोया पुलिस चौकी पर पहुंचा और खुद ही यह जानकारी पुलिस को दी। इसका पता लगते ही परिजन व गजरौला पुलिस भी चौकी पर पहुंच गई और युवक को अपने साथ थाने ले आई।
बता दें कि 9 फरवरी को माघ पूर्णिमा पर हसनपुर क्षेत्र के गांव शेखपुर झकड़ी निवासी फकीरचंद्र का 27 वर्षीय पुत्र सुनील अपनी मां शारदा देवी व भतीजे निशांत के साथ माघ पूर्णिमा पर तिगरी स्थित गंगा घाट आया था। मां व भतीजे को घाट पर छोड़कर सुनील स्नान करने के बाद कहकर गंगा की ओर चला गया था। इसके बाद वापस नहीं लौटने पर डूबने की आशंका में गोताखोर व पुलिस प्रशासन ने दो दिन तक गंगा में उसकी तलाश कराई थी। मंगलवार के तड़के करीब साढ़े तीन बजे सुनील अर्धनग्न हालत में जोया पुलिस चौकी पर पहुंचा। उसने पुलिस को मामले की जानकारी देते हुए परिजनों को सूचना दी। कुछ ही देर में परिजन व गजरौला पुलिस भी जोया पुलिस चौकी पर पहुंच गई और युवक को थाने ले आए।यहां पर सुनील ने बताया कि वह स्नान करने के लिए गंगा में जा रहा था इस दौरान दो युवक आए। पहले उससे बोतल में गंगा जल भरवाया और बाद में मारुति वैन में धक्का लगवाने के बहाने अपने साथ ले गए और बाद में जबरन मारुति वैन में ही बैठा लिया। आरोप है कि वैन में सवार तीन युवकों ने उसके हाथ पैर बांध दिए और मारुति वैन में ही घुमाते रहे। मंगलवार के तड़के जोया पुलिस चौकी के पास अमरोहा रोड पर मारुति वैन खराब हो गई। जिसके बाद सुनील गाड़ी से कूदकर चौकी पर पहुंचा। हालांकि पुलिस सुनील द्वारा बताई गई बात को झूठा बता रही है। प्रभारी निरीक्षक जयवीर सिंह ने बताया कि परिवार में कलह की वजह से सुनील गायब हुआ था। अपहरण करने की बात गलत है।
जोया/जिला अमरोहा से जिला प्रभारी घनश्याम शर्मा।