मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र के आनंदनगर निवासी ट्रांसपोर्टर ने बुधवार तड़के ड्राइवर की पत्नी के ब्लैकमेल करने से परेशान होकर जान दे दी। ट्रांसपोर्टर ने सुसाइड नोट में महिला मित्र को ही अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। महिला ने ट्रांसपोर्टर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा भी दर्ज कराया था। लेकिन, बाद में ट्रांसपोर्टर से मोटी रकम लेकर इस मामले में समझौता कर लिया था। अब महिला फिर से ट्रांसपोर्टर को दुष्कर्म में फंसाने की धमकी दे रही थी।
ट्रांसपोर्टर चंद्रप्रताप सिंह जो मूल रूप से अलीगढ़ के थाना लोधा के जिरौली गांव के रहने वाले थे कई वर्षो से परिवार के साथ मझोला थाना क्षेत्र के आनंद नगर कुंदनपुर लाइनपार में रहते थे। परिवार में पत्नी सरस्वती देवी के अलावा दो बेटे आदित्य और मयंक हैं। ट्रांसपोर्टर की पत्नी सरस्वती के मुताबिक पति पिछले कुछ समय से काफी परेशान चल रहे थे। ट्रांसपोर्टर पर उसी के ट्रांसपोर्ट का ट्रक चलाने वाले चालक की पत्नी ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया था। बाद में लेनदेन करके उसने समझौता कर लिया था। अब महिला फिर से तहरीर देकर दुष्कर्म का आरोप लगा रही थी। वह लगातार उनके पति को दुष्कर्म के आरोप में फंसाने की धमकी देकर रुपये लेती रहती थी। मंगलवार को वह घर आए तो बेहद तनाव में थेे। हम सभी लोग एक ही कमरे में सोए थे। रात ग्यारह बजे के बाद उन्हें नींद आ गई। इस बीच पति किसी समय उठकर दूसरे कमरे में चले गए। वहां उन्होंने फांसी पर लटककर खुदकुशी कर ली। सुबह पांच बजे उन्हें घटना की जानकारी हुई। बेटे आदित्य की सहायता से उन्होंने पति को फांसी के फंदे से उतारा।
घटना की जानकारी मिलने पर एएसपी दीपक भूकर फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तलाशी लेने पर कपड़ों से दो पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ। इसमें ट्रांसपोर्टर ने अपनी मौत का जिम्मेदार महिला मित्र को ठहराया है। इंस्पेक्टर मझोला राकेश कुमार सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम करा दिया गया है। रिपोर्ट में फांसी से मौत होने की पुष्टि हुई है। बरामद सुसाइड नोट की जांच की जा रही है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के मुताबिक ट्रांसपोर्टर और ड्राइवर की पत्नी की नजदीकियां करीब डेढ़ साल से चल रही थीं। दो साल पहले पति के जेल जाने के बाद ट्रांसपोर्टर का ड्राइवर के घर आना-जाना हुआ था। वह खर्च के लिए रुपये देने के बहाने से वहां जाते थे। इसके बाद महिला ने ट्रांसपोर्टर को अपने जाल में पूरी तरफ से फंसा लिया। वह ट्रांसपोर्टर से रुपये ऐंठने लगी। इसके बाद उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।