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नहटौर - क्षेत्र के गाँव सिकंदरपुर के निवासी प्रधान की उदासीनता के चलते नारकीय जीवन जीने का मजबूर

 

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नहटौर क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर के निवासी ग्राम प्रधान की उपेक्षा के चलते नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। गांव में एक प्राचीन तालाब है जो समय के साथ आबादी क्षेत्र में आ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तालाब में लगातार गांव की नालियों का पानी जा रहा है जिसके चलते तालाब दलदल में तब्दील हो चुका है और अभी तक कई पशु इस दलदल में समा चुके है। 


ग्रामीणों का कहना है कि इस बारे में कई बार ग्राम प्रधान से मौखिक व लिखित रूप में शिकायत की जा चुकी है मगर कोई समाधान नही किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के मौसम में इस तालाब का पानी सड़क पर व पास ही स्थित स्कूल के प्रांगण तक पहुंच जाता है। जिसके कारण न तो बच्चे ही स्कूल जा पाते है और साथ ही सड़को से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में यह तालाब लगभग तीन बीघा से अधिक था परन्तु लोगो ने कूड़ा डालकर समय के साथ यहां मकान बना लिए है और अब तालाब मात्र 1 से डेढ़ बीघा ही रह गया है। ग्रामीणों ने तालाब की सफाई कराकर इसकी चाहरदीवारी कराए जाने की मांग की है जिससे कोई दुर्घटना न होने पाए।


इस बारे में जानकारी लेने पर ग्राम प्रधान वेगराज सिंह ने बताया कि ये तालाब काफी पुराना है तथा उनको ये इसी प्रकार मिला था। ये पूछे जाने पर कि क्या अब उनके द्वारा ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी वे गेंद लेखपाल के पाले में डालते हुए स्वयं का बचाव करते नजर आए। अफसोस का विषय है कि गांवों के विकास के लिए प्रदेश सरकार तमाम अनुदान देती है व समय समय पर नई योजनाएं भी लाती है परन्तु गांवों का विकास कुछ ऐसे लोगों की उपेक्षा के चलते नही हो पाता जो स्वयं के स्वार्थो की पूर्ति को विकास से अधिक तरजीह देते है।


जानकरीं देने वाले ग्रामीणों में मुख्य रूप से फहीमउद्दीन, फरियाद अहमद, जसवीर त्यागी, महावीर सिंह, विजयपाल सिंह, रामपाल सिंह आदि मौजूद रहे।
  
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