नहटौर - साई मिलेनियम स्कूल द्वारा छात्रों से ऑनलाइन क्लास के बदले शिक्षण शुल्क के साथ अन्य शुल्क लेने पर भड़के एबीवीपी कार्यकर्ताओ ने किया प्रदर्शन
वर्तमान में विश्व भर के लगभग सभी देश कोरोना महामारी से लड़ रहे है तथा इस भयावह बीमारी के चलते पूरा विश्व आर्थिक समस्याओ का सामना करने को मजबूर है। भारत भी इससे अछूता नहीं है और केंद्र व राज्य सरकारे तमाम रियायते देकर अथवा अन्य प्रबंध कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में जुटी है, परन्तु इस सबके बीच भी कुछ निजी स्कूल अपनी स्वार्थ पूर्ति से बाज नहीं आ रहे है। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा तमाम आदेश व निर्देश जारी किये जाने के बाद भी ये स्कूल छात्रों को शुल्क में कोई रियायत तो नहीं दे रहे है बल्कि ऑनलाइन पढाई के बदले भी छात्रों से पूरा शुल्क वसूल रहे है।
नगर का साई मिलेनियम सीनियर सेकेंडरी स्कूल भी छात्रों से लगातार शिक्षण शुल्क के साथ ही खेल, भवन, जेनेरेटर, परीक्षा, स्मार्ट क्लास आदि अन्य मदो की धनराशि भी वसूल रहा है। इस बारे में कई बार अभिभावकों व स्कूल प्रबंधन के बीच पूर्व में भी बात हो चुकी है, मगर स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को केवल आश्वाशन देकर मामले को ठन्डे बस्ते में डालकर छोड़ दिया था। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना के चलते उनके व्यवसाय व आमदनी के साधनो पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है तथा मार्च के अंत से अभी तक स्कूल लगातार बंद है अतः ऐसे में शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त कोई भी अन्य शुल्क स्कूल द्वारा लिया जाना पूरी तरह अनुचित है। लगातार हो रही शिकायतों का संज्ञान लेकर आज अखिल भारतीय छात्र परिषद के कार्यकर्त्ता स्कूल के मुख्य गेट पर एकत्र हुए और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। बताया गया कि एबीवीपी कार्यकर्त्ता उक्त सम्बन्ध में एक ज्ञापन देना चाहते थे परन्तु स्कूल प्रबंधन ने कार्यकर्ताओ के साथ अभद्र व्यवहार किया। अभद्र व्यवहार किये जाने पर भड़के कार्यकर्त्ता स्कूल के सामने वाली सड़क पर बैठ गए और जाम लगा दिया। सड़क जाम किये जाने के बाद स्कूल प्रशासन की नींद टूटी और प्रधानाचार्या कार्यकर्ताओ से बात करने गेट पर पहुँची।
कार्यकर्ताओ से बात करते हुए प्रधानाचार्या ने जल्द ही शुल्क माफ़ करने अथवा उसमे से कुछ मदो का शुल्क कम करने का आश्वासन दिया है। एबीवीपी कार्यकर्ताओ ने जल्द ही स्कूल की शुल्क नीति में सुधार न किये जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। दूसरी ओर स्कूल में कार्यरत कुछ शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि छात्रों से लगातार पूरा शुल्क लिए जाने पर भी उनको केवल आधा वेतन दिया जा रहा है जबकि कुछ कर्मचारियों को वेतन दिए बिना ही स्कूल आने पर रोक लगा दी गयी है।