आज रविवार को फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर प्रधान की कुर्सी कब्जाने में कामयाब होने वाली आरोपित महिला प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जनपद रामपुर के स्वार ब्लाक क्षेत्र के ग्राम केशोनगली की ग्राम पंचायत सीट अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित थी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस सीट से शकुंतला प्रधान चुनी गईं थी। शकुंतला के विजयी होने के बाद गांव के ही निवासी दिलदार हुसैन ने महिला प्रधान का जाति प्रमाण पत्र चेक किया तो पता लगा कि विभागीय वेबसाइट पर इस नंबर का जाति प्रमाण पत्र क्षेत्र के गांव अलीनगर जागीर की राखी पुत्री हरद्वारी का है।
शकुंतला की फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव जीतने की शिकायत की गयी। शिकायतकर्ता ने इस मामले में महिला प्रधान के पुत्र सोहन सिंह से पूछा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र क्यों लगाया। इस पर उसने बताया कि प्रमाण पत्र बनवाने का समय नहीं था। इसलिए नामांकन दाखिल करने के लिए मां ने कहा था जैसा भी बने बनवा लेना, तब ऐसा करना पड़ा था। शिकायतकर्ता ने फर्जी दस्तावेज के सहारे चुनाव जीतने की शिकायत स्थानीय अधिकारियों से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी थी। इस पर उसने न्यायालय की शरण ली।
उक्त मामले में न्यायालय ने प्रथम दृष्टया मामला फर्जी मानते हुए पुलिस को महिला प्रधान व उसके बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश किए थे। पुलिस ने प्रधान शकुंतला और उसके बेटे सोहन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया था। मुकदमे की विवेचना की जा रही थी। रविवार को हल्का दारोगा अशोक कुमार ने प्रधान के घर दबिश दी और आरोपित प्रधान को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक आरोपित फरार है। कोतवाल हरेन्द्र सिंह ने बताया की फर्जी प्रमाण पत्र को लेकर प्रधान के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज है।
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