रामपुर - 19 वर्ष पूर्व करंट से हुई मौत के मामले में मुआवजा ने देने पर कोर्ट ने दिए अधिशासी अधिकारी कार्यालय कुर्क करने के आदेश
रामपुर के बिलासपुर क्षेत्र में 19 वर्ष पूर्व करंट लगने से हुई एक व्यक्ति की मौत के मामले में मुआवजा न दिए जाने पर कोर्ट ने अधिशासी अधिकारी का कार्यालय कुर्क करने के आदेश दिए है। पूर्व में भी कोर्ट ने इस मामले में मुआवजा दिए जाने के आदेश विभाग को दिए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलासपुर क्षेत्र के गाँव दुर्जनपुर उर्फ़ देवापुर का निवासी ताराचंद्र 18 सितम्बर 2003 को चारा लेने खेत पर गया था। इसी दौरान खेत में टूटे पड़े बिजली के तार की चपेट में आकर उसकी मौत हो गयी थी। मृतक की पत्नी ने क्षतिपूर्ति दिलाने के लिए न्यायालय में वाद दायर किया था। इस मामले में कोर्ट ने अगस्त 2014 में विभाग को क्षतिपूर्ति दिए जाने के आदेश दिए थे, मगर कोई भुगतान विभाग ने नहीं किया था। क्षतिपूर्ति न मिलने पर मृतक की पत्नी ने फिर से 2016 में कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। इस प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने कई बार पावर कारपोरेशन को क्षतिपूर्ति की धनराशि का भुगतान करने हेतु परवाना भेजा। कोर्ट के अमीन ने भी अधिशासी अभियंता को सूचित किया, लेकिन विभाग ने भुगतान करने से इंकार कर दिया। विभाग द्वारा न्यायालय में उपस्थित होने को कहा गया था। इसके बाद भी विभाग की ओर से न ही धनराशि का भुगतान किया गया और न ही कोर्ट में उपस्थित हुए।
अब पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ने अधिशासी अभियंता द्वितीय के सामान को कुर्क कर नीलामी किये जाने की माँग की थी। इस माँग पर जिला न्यायालय के अमीन को निर्देशित किया कि अधिशासी अभियंता द्वितीय के कार्यालय के समस्त सामान की सूची बनाकर कुर्क कर लिया जाए और कार्यालय को सील कर न्यायालय को सूचित किया जाए। दूसरी ओर अधिशासी अभियंता मोहम्मद कमरुद्दीन का कहना है कि उक्त मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
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