चंदौसी - दो वर्ष की पाबंदियों के बाद शुरू हुआ मेला गणेश चतुर्थी, 5 धर्म के प्रतिनिधियो ने फीता काटकर किया शुभारम्भ
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध मेला गणेश चौथ कल 29 अगस्त की शाम पांचो धर्म के प्रतिनिधियों द्वारा फीता काटकर उद्धघाटन करने के साथ ही प्रारम्भ हो गया। पाठको को बताना उचित होगा कि चंदौसी को गणेश की नगरी व मिनी वृंदावन के नाम से भी जाना जाता है और यहाँ प्रतिवर्ष मेला गणेश चौथ आयोजित किया जाता है। इस दौरान यहाँ घर घर गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है।
कल सोमवार की देर शाम मेले के विधिवत उद्धघाटन से पूर्व सीता रोड स्थित प्राचीन गणेश मंदिर पर लाला भूपाल दास द्वार का पूजन वैदिक मंत्रोचारण के साथ उपजिलाधिकारी राजपाल सिंह व क्षेत्राधिकारी दिनेश कुमार के द्वारा किया गया। मेला कमेटी ने अधिकारियो को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके बाद अधिकारियो ने गणेश मंदिर में महाआरती की। गणेश मंदिर पर स्कूली बच्चो ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देकर सभी का मन मोह लिया। स्कूली बच्चो ने गणपति बप्पा मोरया, सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी आदि गीतों पर सामूहिक प्रस्तुति देकर दर्शको की तालिया बटोरी। इसके साथ ही शाम लगभग 7 बजे गणपति गाजे बाजे के साथ गणपति बप्पा का फूलडोल निकाला गया। फूलडोल गणेश मंदिर से प्रारम्भ होकर मेला स्थल पहुँचा। जहाँ गणपति बप्पा की प्रतिमा को स्थापित किया गया।
इसके बाद पांचो धर्मो के प्रतिनिधियों ने फीता काटकर मेले का विधिवत उद्घाटन किया। इसके साथ ही मेला आधिकारिक रूप से आम जनता के लिए खोल दिया गया। उद्घाटन करने वालो में हिन्दू धर्म से श्री सनातन धर्म पंजाबी मंदिर सभा से पंडित मेवाराम शर्मा, मुस्लिम धर्म से भूतपूर्व प्रधानाचार्य हाजी निजामुद्दीन, सिक्ख धर्म गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के सरदार कुलदीप सिंह, ईसाई धर्म से मैथोडिस्ट चर्च के पादरी नीतिन मैसी व बौद्ध धर्म से एके सिंह शामिल रहे। कल दोपहर के समय हुई बारिश के चलते मेले में आम लोगो की उपस्थिति हालांकि कम रही।
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