मुरादाबाद - मुख्यमंत्री द्वारा घोषित पुरोहित कल्याण परिषद को क्रियाशील किये जाने की माँग को लेकर पुरोहितो व पुजारियों ने किया प्रदर्शन
गत वर्ष 20 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पुरोहित कल्याण परिषद की घोषणा किये जाने पर खुश होने वाले पुरोहितो व पुजारियों के सब्र का बाँध अब टूट रहा है। आज 10 माह बाद भी इस बोर्ड के क्रियाशील न होने पर पुरोहितो व पुजारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान जमा हुए पुरोहितो व पुजारियों ने इसे शीघ्र क्रियान्वित किये जाने की माँग की। पुरोहितो व पुजारियों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित रहे सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।
आज सोमवार को बड़ी संख्या में क्षेत्र के मंदिरो के पुजारी कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र हुए और पुरोहित कल्याण परिषद को क्रियाशील किये जाने की माँग को लेकर शंख बजाकर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर उपस्थित रहे राष्ट्रीय पुजारी परिषद के संस्थापक श्याम कृष्ण रस्तोगी ने कहा कि 20 अप्रैल 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पुजारी एवं पुरोहित कल्याण बोर्ड बनाने की घोषणा की गई थी। इस घोषणा के बाद प्रदेश के पुजारियों एवं पुरोहितों में हर्ष का माहौल बना था, यह बोर्ड एक छलावा साबित हुआ है। 10 महीना बीतने के बाद भी बोर्ड क्रियाशील नही हो सका है। उन्होंने कहा की अभी 2 दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बजट पेश किया गया मगर इसमें बोर्ड के नाम पर फूटी कौड़ी भी नहीं दी गई। इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा हो रहा है। उन्होंने कहा कि देशभर में चार लाख मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण है। इन मंदिरों पर जो चढ़ावा आता है वह सरकार के खाते में जाता है।
इस दौरान उपस्थित रहे वक्ताओं ने कहा कि देश में गुरुद्वारे चलाने के लिए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी है, मस्जिद से चलाने के लिए बक्फ बोर्ड और गिरजाघर चलाने के लिए उनकी समिति है पर मंदिर सरकार चलाती है और पुजारियों के लिए वेतन भी नहीं देती है। सरकार से मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री अपनी घोषणा के अनुरूप पुजारी पुरोहित कल्याण बोर्ड को जल्द क्रियाशील करें। इसको लेकर कचहरी परिसर में शहर भर के मंदिरों के पुजारी एवं पुरोहित एकत्र होकर सरकार को जगाने के लिए शंखनाद किया गया। इस दौरान पंडित कामेश्वर मिश्रा, तेज नारायण मिश्रा, विनीत शर्मा, सतीश खंडूरी, पुजारी महेंद्र सिंह, महंत ऋतुराज, महंत राकेश, परमानंद शर्मा सहित अन्य पुजारी और पुरोहित मौजूद रहे।
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