महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक थाने में स्थापित हुए महिला परामर्श केन्द्रो पर पहुँचने वाली पीड़िताओं का उत्पीड़न कम होता नजर नहीं आ रहा है। समझौते के नाम पर अवैध वसूली किये जाने के आरोप के साथ रामपुर का महिला थाना परामर्श केंद्र एक बार फिर सुर्खियों में है। पीड़िता द्वारा महिला थाना परामर्श केंद्र प्रभारी पर एक लाख वसूलने का आरोप लगाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के एक गाँव निवासी महिला गत सोमवार को शिकायत लेकर कोतवाली पहुँची थी। महिला के अनुसार कोतवाली पहुँचने पर उसे महिला थाना परामर्श केंद्र में तैनात पुलिकर्मियों ने रोक लिया। महिला पुलिसकर्मियों ने उससे कहा कि वह कोतवाल के पास न जाए। उसकी समस्या का समाधान महिला थाना परामर्श केंद्र में ही हो जाएगा। केंद्र प्रभारी ने पीड़िता की समस्याको सुनकर उससे मंगलवार को परामर्श केंद्र आने को कहा।
कल मंगलवार को पीड़िता एक समाज सेविका के साथ परामर्श केंद्र पहुंची। यहाँ महिला थाना परामर्श केंद्र प्रभारी ने पीड़िता 25 हजार रुपये देकर कहा कि तुम्हारा फैसला हो गया है। महिला द्वारा रुपये लेने से इंकार किये जाने पर उसे जेल भेजने की धमकी भी दी गई। पीड़िता के जाते जाते पांच हजार रुपये सुविधा शुल्क के नाम पर और ले लिए। पीड़िता जब केंद्र से बाहर निकली, तो विपक्षी ने पूछा कि एक लाख रुपये मिल चुके हैं। अब कोई शिकायत मत करना। गुस्से से तिलमिलाई पीड़िता ने केंद्र प्रभारी से कहा कि विपक्षी ने एक लाख रुपये दिए हैं। बाकी रकम कहां है, तो केंद्र में तैनात पुलिसकर्मियों ने पीड़िता को पुनः डरा धमका कर केंद्र से बाहर कर दिया।
आज बुधवार को पीड़िता ने मीडिया को अपनी आप बीती सुनाई। पीड़िता ने शपथ पत्र के माध्यम से उच्च अधिकारियों को भेजे शिकायती पत्र में मामले की जांच कराकर महिला थाना परामर्श केंद्र प्रभारी साधना खरे के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग की है। अनुज चौधरी, सीओ मिलक ने बताया कि महिला थाना परामर्श केंद्र प्रभारी पर एक लाख वसूलने मामला संज्ञान में नहीं है। संज्ञान में आने पर मामले की जांच करायी जाएगी।
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