आज गुरुवार की सुबह सम्भल कोतवाली क्षेत्र में कमरे की छत अचानक गिरने पर वहाँ सो रही महिला व उसके 6 बच्चे मलबे में दब गये। शोर सुनकर मौके पर जुटे ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद महिला व बच्चों को किसी प्रकार बाहर निकाला। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से एक बच्चे की हालत गंभीर देख रेफर कर दिया गया। एसडीएम ने भी मौके पर पहुंचकर जायजा लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर से सटे गांव मंडी किशनदास सराय निवासी मोहम्मद कादिर उर्फ़ अन्नून दिल्ली में कबाड़ का काम करता है। कल बुधवार की शाम मोहम्मद कादिर उर्फ अन्नून दिल्ली से घर लौटा था। वह रात को खाना खाकर बेटे अरशुमा के साथ बरामदे में सो गया। जबकि अन्नून की पत्नी रईशा बेगम छह बच्चों के साथ अंदर कमरे में सो गई। आज गुरुवार की तड़के 5 बजे कमरे की छत भरभराकर गिर गई। रईशा बेगम के साथ ही उसके बच्चे 10 वर्षीय रुमा, 4 वर्षीय जुनेरा, 6 वर्षीय इफरा, 5 वर्षीय सुमेरा, 2 वर्षीय राहत अली व 9 वर्षीय शाद अली छत के मलबे में दब गये। छत गिरने व पत्नी और बच्चों के चीखने चिल्लाने की आवाज को सुनकर अन्नून की आंख खुल गई। जिसके बाद शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गये। सूचना पर पुलिस भी आ पहुंची। ग्रामीणों ने छत के मलबे को हटाकर किसी तरह रईशा व उसके बच्चों को मलबे से बाहर निकाला। सभी घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया। हालत गंभीर होने पर 9 साल के शाद अली को रेफर कर दिया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि छत के मलबे में खाने पीने व कपड़े व अन्य सामान दबकर खराब हो गया। गनीमत यह रही कि रईशा छह बच्चों के साथ कमरे में सो रही थी तो खुद अन्नून एक बेटे के साथ बरामदे में सोया हुआ था। कमरे की छत गिरी तो अन्नून ने शोर मचा दिया और फिर मोहल्ले के लोगों ने मलबे में दबी रईशा व छह बच्चों को बाहर निकाल लिया। यदि अन्नून भी कमरे में होता तो शायद बाहर मदद के लिए शोर मचाने वाला भी कोई नहीं होता और सभी लोग मलबे में दबे रह जाते।
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