संभल - शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए पथराव व आगजनी मे 3 की मौत, सीओ, एसडीएम व कई पुलिसकर्मी घायल, पुलिस ने 2 महिलाओ समेत 15 को हिरासत मे लिया
आज रविवार को कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव की अगुवाई मे दूसरी बार शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम के विरोध मे मौके पर जुटी भारी भीड़ के बीच मौजूद अराजक तत्वो ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव कर रही भीड़ को तितर बितर करने हेतु भीड़ ने आंसू गैस का गोले दागे और हल्का बल प्रयोग किया। इस बवाल मे 3 लोगो की मौत होने की सूचना मिली है साथ ही 18 से अधिक पुलिसकर्मी व 2 दर्जन लोग चोटिल हुए है।
पाठको को बताना उचित होगा कि गत 19 नवंबर को हिन्दू पक्ष द्वारा संभल जिला न्यायालय मे एक याचिका दायर की गयी थी। हिन्दू पक्ष द्वारा दायर की गयी 95 पेज की इस याचिका मे 2 किताबो व 01 रिपोर्ट को आधार बनाते हुए संभल की शाही जामा मस्जिद प्राचीन हरिहर मंदिर है। इस याचिका मे बाबरनामा अकबर ए आईनी के साथ ही भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण की एक 150 वर्ष पुरानी रिपोर्ट भी शामिल है। इस याचिका में इस याचिका के आधार पर न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश राघव को सर्वे हेतु एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराने का आदेश दिया था। न्यायालय ने सर्वे रिपोर्ट 29 नवंबर तक जमा करने के लिए कहा था। न्यायालय के आदेश पर टीम ने 19 नवम्बर की शाम को लगभग 2 घंटे तक मौके पर जाकर सर्वे किया था। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा था। इसके बाद 22 नवंबर को जुमे की नमाज हुई थी। इस दिन सुबह से ही मुस्लिम समुदाय के लोग मौके पर एकत्र होने लगे थे। पुलिस ने इन सभी का शांत कराते हुए मस्जिद के चारो ओर कैमरे लगवा दिए थे।
आज 24 नवम्बर रविवार को टीम दूसरी बार जिलाधिकारी संभल राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ सर्वे करने मौके पर पहुंची थी। कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव की अगुवाई के आयी सर्वे टीम के आने की सूचना मिलते ही मस्जिद के आसपास भारी भीड़ जुटने लगी। सुबह करीब 9 बजे पुलिस द्वारा भीड़ को हटाए जाने का प्रयास किया गया। इस दौरान भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। उपद्रवियो की ओर से इस दौरान फायरिंग भी की गयी। तनाव और बवाल को बढ़ते देखकर आसपास के जिलों से भी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गयी। उपद्रवियो द्वारा किये गए पथराव और पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई के दौरान आंसू गैस छोड़ने के बाद हालात बेकाबू हो गए। इस दौरान उपद्रवियो ने एक गाड़ी में आग भी लगा दी। भीड़ द्वारा किये गए पथराव में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। भीड़ ने मौके पर खड़े कई वाहनो को आग के हवाले कर दिया। इस बवाल को नियंत्रित करने हेतु पुलिस ने क्षेत्र की नाकेबंदी कर दी तथा मस्जिद के चारो ओर भारी संख्या मे सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया।
सर्वे को लेकर हुए उक्त बवाल के बाद डीआईजी मुनिराज के साथ ही एडीजी बरेली जोन रमित शर्मा व अन्य पुलिस उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इसके साथ ही कमिश्नर मुरादाबाद आंजनेय सिंह भी संभल पहुंचे। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया की घटनास्थल के पास एकत्रित भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियो ने पुलिस दल पर पथराव किया था। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने कहा कि पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसिया ने बताया कि कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया लेकिन स्थिति अब स्थिति शांतिपूर्ण है। पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई के तहत समाजवादी पार्टी के सांसद के पिता समेत 34 लोगों को शांति भंग की आशंका के मद्देनजर पाबंद किया गया। संभल की उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान वर्क के पिता ममलुकुर रहमान वर्क सहित 34 लोगों को पाबंद किया गया है। अफवाहों को फैलने से रोकने हेतु क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद की गयी है। पुलिस सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर नजर बनाये हुए है।
कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने संभल हिंसा में 3 युवकों की मौत की पुष्टि की है। मृतको मे नोमान निवासी सरायतरीन, बिलाल निवासी हयातनगर और नईम निवासी कोट गर्वी शामिल है। घटना में घायल हुए अनीस और अयान को मुरादाबाद जिला अस्पताल लाया गया है। ऑन्जनेय सिंह संभल में ही कैंप किए हुए हैं। हिंसा के बाद मुरादाबाद से अतिरिक्त पीएसी को संभल रवाना किया गया है। मंडल आयुक्त ने कहा कि इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के पैर में गोली लगी है जबकि उप जिलाधिकारी का पैर टूट गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस क्षेत्राधिकारी को भी छर्रे लगे हैं और अब स्थिति नियंत्रण में है। आयुक्त ने कहा कि पथराव में शामिल दो महिलाओं को पकड़ा गया है और लगभग 15 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है। उक्त घटना को लेकर विभिन्न राजनैतिक दलो के नेताओ की बयानबाजी का