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संभल/उत्तर प्रदेश - न्यायालय ने जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की अंतरिम जमानत याचिका की खारिज, अब 2 अप्रैल को होगी सुनवाई

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संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली की अंतरिम जमानत की अर्जी को आज न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया। अब इस पर आगामी 2 अप्रैल को सुनवाई होगी। पाठको को बताना उचित होगा कि जफर अली की जमानत को लेकर जिले भर के अधिवक्ता आंदोलनरत है। आज गुरुवार को अधिवक्ताओ ने केवल जफर अली की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए कार्य किया था।


आज गुरुवार को अपर जिला न्यायाधीश (एमपी एमएलए सेशन कोर्ट) निर्भय नारायण राव की कोर्ट मे उक्त मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जफर अली के अधिवक्ता आसिफ अख्तर ने पेश की गयी जमानत अर्जी मे कहा कि संभल हिंसा की घटना 24 नवंबर 2024 की सुबह 9 बजे की दिखाई गयी है। अभियोजन कानून के अनुसार मौके पर मस्जिद सर्वे का काम चल रहा था। इसी दौरान वहाँ एकत्र हुई 700 से 800 लोगो की भीड़ ने इस सर्वे को बाधित करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में दर्ज की गयी एफआईआर मे एडवोकेट जफर अली का कोई रोल नही दिखाया गया है। इस दौरान जफर अली ने पुलिस अधिकारियो का पूरा सहयोग किया था। उन्होंने कहा कि उन पर केवल ये आरोप है कि 25 नवंबर 2024 को आयोजित प्रेस वार्ता मे उन्होंने इस मामले मे प्रशासनिक अधिकारियो की भी कुछ गलती बताई थी। प्रेस वार्ता के दौरान दिया गया वक्तव्य झूठे साक्ष्य बनाने की श्रेणी मे नही आता है। जमानत अर्जी मे बताया गया है कि प्रशासनिक अधिकारी जफर अली पर ब्यान बदलने का भी दबाब बना रहे थे। जफर अली को 24 मार्च 2025 को न्यायिक आयोग के समक्ष बयान देना था मगर उन्हें एक दिन पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एडवोकेट आसिफ अख्तर ने कहा कि जफर अली की आयु इस समय 70 वर्ष है तथा हृदय रोग से पीड़ित है। इसके साथ ही जफर अली के वकील आसिफ अख्तर ने अंतरिम जमानत के लिए एक अर्जी भी अदालत में पेश की।


न्यायालय ने इस अर्जी को खारिज कर दिया तथा केस डायरी न होने के कारण इस मामले की सुनवाई के लिए आगामी 2 अप्रैल की तिथि दी है।

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