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Varanasi/Uttar Prades....
परिवार की परेशानियों को दूर करने के लिए ओझा के फेर में पड़ी मां ने अपनी छह साल की इकलौती बेटी रिया को तालाब में डुबोकर मार डाला। घटना मिर्जामुराद के बेनीपुर गांव में रविवार आधी रात की है। बेटी को मारकर घर लौटी महिला ने खुद परिजनों को जानकारी दी। ग्रामीणों ने शव निकाला। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बेनीपुर (महेशपट्टी) का कैलाश मौर्य उर्फ कपल मंदबुद्धि है और मजदूरी करता है। औराई (भदोही) के माधोसिंह की गुंजा से उसकी शादी के आठ साल तक कोई संतान नहीं हुई। काफी मन्नत के बाद रिया का जन्म हुआ। लोग बताते हैं कि तब रिया ठीक थी लेकिन बाद में उसकी आवाज चली गयी और सुनाई पड़ना भी बंद हो गया। कैलाश और रिया के इलाज में आर्थिक तंगी भी आड़े आने लगी। इससे परेशान गुंजा पम्पापुर की एक महिला ओझा के सम्पर्क में आयी और उसकी सलाह पर गुंजा तरह-तरह की हरकतें करने लगी। खुद पर देवी की सवारी आने की बात कहती।
परिवारवालों के मुताबिक रविवार की आधी रात गुंजा भींगे कपड़े में घर पहुंची और बताया कि उसने घर से एक किमी दूर शिव मंदिर के पास के पोखरे में डुबोकर बच्ची को मार डाला। इसके बाद ग्रामीणों को पता चला। सभी पोखरे के पास पहुंचे। काफी तलाश के बाद बच्ची की लाश मिली। इधर, गुंजा का कहना था कि ओझा और देवी ने उससे कहा था कि बच्ची वैसे भी मर जाएगी। इसे जल समाधि दे दो। इसके बाद परिवार की समस्या दूर हो जाएगी।
पति ने तहरीर में पत्नी को बचाया
अंधविश्वास को लेकर हुई इस घटना से बेनीपुर और आसपास के सनसनी फैल गयी। अपनी ही लाड़ली को मारनेवाली गुंजा को गांव की महिलाएं कोस रही थीं। गुंजा घर के बाहर अजीबोगरीब हरकतें करते हुए खुद बच्ची को मारने की बात कहती रही। लेकिन पति ने पत्नी को बचाने के लिए थाने में तहरीर दी कि बच्ची शौच के लिए गयी थी और तालाब में डूबने से उसकी मौत हो गयी।
Varanasi/Uttar Prades....
परिवार की परेशानियों को दूर करने के लिए ओझा के फेर में पड़ी मां ने अपनी छह साल की इकलौती बेटी रिया को तालाब में डुबोकर मार डाला। घटना मिर्जामुराद के बेनीपुर गांव में रविवार आधी रात की है। बेटी को मारकर घर लौटी महिला ने खुद परिजनों को जानकारी दी। ग्रामीणों ने शव निकाला। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बेनीपुर (महेशपट्टी) का कैलाश मौर्य उर्फ कपल मंदबुद्धि है और मजदूरी करता है। औराई (भदोही) के माधोसिंह की गुंजा से उसकी शादी के आठ साल तक कोई संतान नहीं हुई। काफी मन्नत के बाद रिया का जन्म हुआ। लोग बताते हैं कि तब रिया ठीक थी लेकिन बाद में उसकी आवाज चली गयी और सुनाई पड़ना भी बंद हो गया। कैलाश और रिया के इलाज में आर्थिक तंगी भी आड़े आने लगी। इससे परेशान गुंजा पम्पापुर की एक महिला ओझा के सम्पर्क में आयी और उसकी सलाह पर गुंजा तरह-तरह की हरकतें करने लगी। खुद पर देवी की सवारी आने की बात कहती।
परिवारवालों के मुताबिक रविवार की आधी रात गुंजा भींगे कपड़े में घर पहुंची और बताया कि उसने घर से एक किमी दूर शिव मंदिर के पास के पोखरे में डुबोकर बच्ची को मार डाला। इसके बाद ग्रामीणों को पता चला। सभी पोखरे के पास पहुंचे। काफी तलाश के बाद बच्ची की लाश मिली। इधर, गुंजा का कहना था कि ओझा और देवी ने उससे कहा था कि बच्ची वैसे भी मर जाएगी। इसे जल समाधि दे दो। इसके बाद परिवार की समस्या दूर हो जाएगी।
पति ने तहरीर में पत्नी को बचाया
अंधविश्वास को लेकर हुई इस घटना से बेनीपुर और आसपास के सनसनी फैल गयी। अपनी ही लाड़ली को मारनेवाली गुंजा को गांव की महिलाएं कोस रही थीं। गुंजा घर के बाहर अजीबोगरीब हरकतें करते हुए खुद बच्ची को मारने की बात कहती रही। लेकिन पति ने पत्नी को बचाने के लिए थाने में तहरीर दी कि बच्ची शौच के लिए गयी थी और तालाब में डूबने से उसकी मौत हो गयी।