रिपोर्ट - नहटौर/उत्तर प्रदेश (संजय कुमार शर्मा)
आज यह सत्य ही मालूम है पड़ता है कि राजनीति सभी को आश्वासन देने वाला, घोषणा करने वाला बना देती है। यही हाल उत्तर प्रदेश में भी है। जिला बिजनौर का कस्बा नहटौर जहां विकास से अछूता है वही वह बड़ी घोषणाएं जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है वह भी यहां क्रियान्वित होती नहीं दिखाई दे रही है। आज सूबे के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी द्वारा की गई घोषणा भी यहां जमीनी स्तर पर नहीं पहुंच पाई है।
सड़कों की खस्ता हालत, बदहाल होती सफाई व्यवस्था अनियंत्रित यातायात तो यहां है ही है, साथ ही योगी आदित्यनाथ का शासन होने के बावजूद मंदिर के ठीक सामने चल रही है देसी और अंग्रेजी शराब की दुकान। यह स्थान है मोहल्ला जोशियान जो मुख्य मार्ग से सटा हुआ है। यह मुख्य मार्ग पानीपत खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि शराब की दुकानें हाईवे किनारे से हटा दी जाएं। शासन स्तर पर भी कार्यवाही की गई परंतु ना जाने शासन की नजरअंदाजी या स्थानीय प्रशासन की लापरवाही या कुछ और यह दुकानें मोहल्ला जोशियान में मंदिर के गेट के ठीक सामने आज भी टिकी है। स्थानीय निवासियों के अनुसार शाम होते ही शराब की दुकानों पर पियक्कड़ों का जमघट लग जाता है। जिस कारण मंदिर आने जाने वाले भक्तों जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग एवं बच्चे भी शामिल है को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शराबी आती-जाती महिलाओं पर अश्लील फब्तियां कसते हैं एवं माहौल खराब करते हैं। स्थानीय निवासियों ने इन शराब की दुकानों को लेकर कई बार शिकायत की। यह दुकानें हटाने का आश्वासन भी दिया गया। परंतु दुखद की दुकानें आज भी वही मौजूद है। अब आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा धामपुर से आए और उन्होंने पुनः मार्च महीने के बाद यह दुकानें दूसरे स्थान पर जाने का आश्वासन दिया है, परंतु क्षेत्र वासियों का कहना है कि ऐसे आश्वासन उन्हें पहले भी कई बार दिये जा चुके है। यदि अभी भी यह दुकानें मंदिर के पास से नहीं हटाई गई तो स्थानीय निवासी सड़क पर उतरने व आंदोलन करने को विवश होंगे। जब न्यूज़ इंडिया 17 के संपादक संजय कुमार शर्मा ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों से बातचीत की तो पता लगा कि शराब विक्रेता कुछ कहने पर अनुमति होने का दावा करते हैं।
आज यह कहना कठिन है कि सरकारी नीति आम आदमी का साथ नहीं दे रही है अथवा सरकार और आम जनता के बीच बैठी नौकरशाही सरकार की बनाई नीति को क्रियान्वित करने में सफल नहीं हो पा रही है। आज ऐसा मालूम पड़ता है कि सारे नियम कानून आम आदमी के लिए ही बने हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, आम आदमी को उसके कर्तव्य का बोध कराने के लिए नियम कायदे कानून होने चाहिए, परंतु साथ ही रसूखदार वर्ग को भी उसके कर्तव्य का बोध कराया जाना अति आवश्यक है। मैं ना ही किसी का विरोधी हूं ना ही किसी का पक्षधर परंतु तथ्य जो बयान कर रहे हैं वही लिख रहा हूं। इस मौके पर स्थानीय निवासियों में नगर पालिका सभासद जॉनी जोशी, मास्टर अरुण कुमार शर्मा, मास्टर राकेश कुमार शर्मा, पंकज भार्गव, सोमदत्त शर्मा, अनुराग शर्मा, सुरेंद्र शर्मा आदि ने प्रमुख रुप से अपना विरोध दर्ज कराया।
आज यह सत्य ही मालूम है पड़ता है कि राजनीति सभी को आश्वासन देने वाला, घोषणा करने वाला बना देती है। यही हाल उत्तर प्रदेश में भी है। जिला बिजनौर का कस्बा नहटौर जहां विकास से अछूता है वही वह बड़ी घोषणाएं जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है वह भी यहां क्रियान्वित होती नहीं दिखाई दे रही है। आज सूबे के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी द्वारा की गई घोषणा भी यहां जमीनी स्तर पर नहीं पहुंच पाई है।
सड़कों की खस्ता हालत, बदहाल होती सफाई व्यवस्था अनियंत्रित यातायात तो यहां है ही है, साथ ही योगी आदित्यनाथ का शासन होने के बावजूद मंदिर के ठीक सामने चल रही है देसी और अंग्रेजी शराब की दुकान। यह स्थान है मोहल्ला जोशियान जो मुख्य मार्ग से सटा हुआ है। यह मुख्य मार्ग पानीपत खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि शराब की दुकानें हाईवे किनारे से हटा दी जाएं। शासन स्तर पर भी कार्यवाही की गई परंतु ना जाने शासन की नजरअंदाजी या स्थानीय प्रशासन की लापरवाही या कुछ और यह दुकानें मोहल्ला जोशियान में मंदिर के गेट के ठीक सामने आज भी टिकी है। स्थानीय निवासियों के अनुसार शाम होते ही शराब की दुकानों पर पियक्कड़ों का जमघट लग जाता है। जिस कारण मंदिर आने जाने वाले भक्तों जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग एवं बच्चे भी शामिल है को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शराबी आती-जाती महिलाओं पर अश्लील फब्तियां कसते हैं एवं माहौल खराब करते हैं। स्थानीय निवासियों ने इन शराब की दुकानों को लेकर कई बार शिकायत की। यह दुकानें हटाने का आश्वासन भी दिया गया। परंतु दुखद की दुकानें आज भी वही मौजूद है। अब आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा धामपुर से आए और उन्होंने पुनः मार्च महीने के बाद यह दुकानें दूसरे स्थान पर जाने का आश्वासन दिया है, परंतु क्षेत्र वासियों का कहना है कि ऐसे आश्वासन उन्हें पहले भी कई बार दिये जा चुके है। यदि अभी भी यह दुकानें मंदिर के पास से नहीं हटाई गई तो स्थानीय निवासी सड़क पर उतरने व आंदोलन करने को विवश होंगे। जब न्यूज़ इंडिया 17 के संपादक संजय कुमार शर्मा ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों से बातचीत की तो पता लगा कि शराब विक्रेता कुछ कहने पर अनुमति होने का दावा करते हैं।
आज यह कहना कठिन है कि सरकारी नीति आम आदमी का साथ नहीं दे रही है अथवा सरकार और आम जनता के बीच बैठी नौकरशाही सरकार की बनाई नीति को क्रियान्वित करने में सफल नहीं हो पा रही है। आज ऐसा मालूम पड़ता है कि सारे नियम कानून आम आदमी के लिए ही बने हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, आम आदमी को उसके कर्तव्य का बोध कराने के लिए नियम कायदे कानून होने चाहिए, परंतु साथ ही रसूखदार वर्ग को भी उसके कर्तव्य का बोध कराया जाना अति आवश्यक है। मैं ना ही किसी का विरोधी हूं ना ही किसी का पक्षधर परंतु तथ्य जो बयान कर रहे हैं वही लिख रहा हूं। इस मौके पर स्थानीय निवासियों में नगर पालिका सभासद जॉनी जोशी, मास्टर अरुण कुमार शर्मा, मास्टर राकेश कुमार शर्मा, पंकज भार्गव, सोमदत्त शर्मा, अनुराग शर्मा, सुरेंद्र शर्मा आदि ने प्रमुख रुप से अपना विरोध दर्ज कराया।