रिपोर्ट - बृजघाट/अमरोहा से तहसील प्रभारी हसनपुर - घनश्याम शर्मा।
जून की तपती गर्मी मे ज्येष्ठ गंगा दशहरा के पावन अवसर पर बृजघाट पूर्वी तट पर दूर दूर से आये भक्तों की भीड़ को देख यह एहसास हो रहा था कि आज के युग मे भी आस्था एवं पुण्य सर्वोपरि है। दूर दूर से आये भक्तो ने गंगा मे स्नान किया दान किया एवं घाट पर स्थित पुरोहितो से ज्येष्ठ गंगा दशहरा की महिमा को भली भॉति सुना व समझा।
जी हॉ यूॅ तो प्रतिवर्ष ज्येष्ठ गंगा दशहरा के अवसर पर गंगा के सभी घाटो पर अपार भीड़ एकत्र होती है मगर बृजघाट की बात ही कुछ और होती है इस पावन स्थल पर स्नान कर पुण्य अर्जित करने के लिये प्रतिवर्ष यहॉ लाखो की भीड़ आती है। यह सभी भक्त स्थानीय ही नही बल्कि दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद आदि से भी यहॉ पहुॅचते है। इस वर्ष प्रशासन ने भक्तो की भारी भीड़ को आने का अंदेशा लगा पहले ही से पूर्ण व्यवस्था की थी। घाटो पर महिलाओ के लिये वस्त्र परिवर्तन कक्ष बनाये गये थे। बैरिकेडिंग लगाकर मार्ग निर्धारित किये गये थे। अभी हाल ही मे स्नान करते समय हो रही दुर्घटनाओ केा मददेनजर रखते हूए गंगा जल के स्तर को ध्यान मे रखते हूए गंगा मे भी सुरक्षा बैरिकेडिंग लगायी गयी थी। हालॉकि भक्तो को इन बैरिकेडिंग्स से छेड़छाड़ करते हुए भी देखा गया। भक्तो ने इन्ही बैरिकंेडिंग्स पर चढकर छलॉगे लगानी शुरू कर दी थी। पूर्वी घाट पर शिव गंगा घाट सभा रजि0 आरती ट्रस्ट के कार्यकर्ताओ व तीर्थ पुरोहितो ने बैरिकेंर्डिग्स के साथ अनाधिकृत छेड़छाड़ कर रहे इन भक्तो को बार बार सम्भावित खतरो से आगाह किया। प्रशासन ने नौकायन कर रहे भक्तो के लिये भी विशेष प्रबन्ध किये थे नाव चालको द्वारा अतिरिक्त धनराशि वसूल किये जाने को लेकर भी प्रशासन ने उनके रेट तय किये थे। पूर्वी तट पर भक्तो के बैठने एवं विश्राम की उचित व्यवस्था शिव गंगा घाट सभा रजि0 आरती ट्रस्ट के सदस्यो व पदाधिकारियो ने की थी। ट्रस्ट के संरक्षक शरद गौड़ स्वयं घाट पर सपरिवार मौजूद रहे तथा भक्तो की सेवा करते रहे। उनके परिजनो को भी इस कार्य मे उनका पूर्ण सहयोग करते देखा गया।
इस पावन पर्व की समाप्ति के साथ ही भक्तो का रेला तो अपने अपने गन्तव्य को प्रस्थान कर गया, परन्तु जिस गंगा को पावन व मोक्षदायिनी मानकर सदियों से पूजा जाता रहा है तथा आज भी भक्तों के मन मे गंगा के लिये पूर्ण आस्था है। आज जब वर्तमान सरकार भी स्वच्छ गंगा परियोजना चलाकर करोड़ो खर्च कर रही है तथा गंगा को साफ बनाये रखने के प्रयास किये जा रहे है इस सब को दरकिनार करते हुए इन भक्तों ने गंगा के तट को गन्दगी से अछूता नही रहने दिया। भक्तो ने जो कूड़ा करकट एवं प्लास्टिक थैलियॉ यहॉ फेंकी है यह इसी तथ्य का जीता जागता सबूत है कि गंगा मे आस्था तो है परन्तु इसे अमिट अथवा स्वच्छ बनाने मे आस्था किसी की नही है।
जून की तपती गर्मी मे ज्येष्ठ गंगा दशहरा के पावन अवसर पर बृजघाट पूर्वी तट पर दूर दूर से आये भक्तों की भीड़ को देख यह एहसास हो रहा था कि आज के युग मे भी आस्था एवं पुण्य सर्वोपरि है। दूर दूर से आये भक्तो ने गंगा मे स्नान किया दान किया एवं घाट पर स्थित पुरोहितो से ज्येष्ठ गंगा दशहरा की महिमा को भली भॉति सुना व समझा।
जी हॉ यूॅ तो प्रतिवर्ष ज्येष्ठ गंगा दशहरा के अवसर पर गंगा के सभी घाटो पर अपार भीड़ एकत्र होती है मगर बृजघाट की बात ही कुछ और होती है इस पावन स्थल पर स्नान कर पुण्य अर्जित करने के लिये प्रतिवर्ष यहॉ लाखो की भीड़ आती है। यह सभी भक्त स्थानीय ही नही बल्कि दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद आदि से भी यहॉ पहुॅचते है। इस वर्ष प्रशासन ने भक्तो की भारी भीड़ को आने का अंदेशा लगा पहले ही से पूर्ण व्यवस्था की थी। घाटो पर महिलाओ के लिये वस्त्र परिवर्तन कक्ष बनाये गये थे। बैरिकेडिंग लगाकर मार्ग निर्धारित किये गये थे। अभी हाल ही मे स्नान करते समय हो रही दुर्घटनाओ केा मददेनजर रखते हूए गंगा जल के स्तर को ध्यान मे रखते हूए गंगा मे भी सुरक्षा बैरिकेडिंग लगायी गयी थी। हालॉकि भक्तो को इन बैरिकेडिंग्स से छेड़छाड़ करते हुए भी देखा गया। भक्तो ने इन्ही बैरिकंेडिंग्स पर चढकर छलॉगे लगानी शुरू कर दी थी। पूर्वी घाट पर शिव गंगा घाट सभा रजि0 आरती ट्रस्ट के कार्यकर्ताओ व तीर्थ पुरोहितो ने बैरिकेंर्डिग्स के साथ अनाधिकृत छेड़छाड़ कर रहे इन भक्तो को बार बार सम्भावित खतरो से आगाह किया। प्रशासन ने नौकायन कर रहे भक्तो के लिये भी विशेष प्रबन्ध किये थे नाव चालको द्वारा अतिरिक्त धनराशि वसूल किये जाने को लेकर भी प्रशासन ने उनके रेट तय किये थे। पूर्वी तट पर भक्तो के बैठने एवं विश्राम की उचित व्यवस्था शिव गंगा घाट सभा रजि0 आरती ट्रस्ट के सदस्यो व पदाधिकारियो ने की थी। ट्रस्ट के संरक्षक शरद गौड़ स्वयं घाट पर सपरिवार मौजूद रहे तथा भक्तो की सेवा करते रहे। उनके परिजनो को भी इस कार्य मे उनका पूर्ण सहयोग करते देखा गया।
इस पावन पर्व की समाप्ति के साथ ही भक्तो का रेला तो अपने अपने गन्तव्य को प्रस्थान कर गया, परन्तु जिस गंगा को पावन व मोक्षदायिनी मानकर सदियों से पूजा जाता रहा है तथा आज भी भक्तों के मन मे गंगा के लिये पूर्ण आस्था है। आज जब वर्तमान सरकार भी स्वच्छ गंगा परियोजना चलाकर करोड़ो खर्च कर रही है तथा गंगा को साफ बनाये रखने के प्रयास किये जा रहे है इस सब को दरकिनार करते हुए इन भक्तों ने गंगा के तट को गन्दगी से अछूता नही रहने दिया। भक्तो ने जो कूड़ा करकट एवं प्लास्टिक थैलियॉ यहॉ फेंकी है यह इसी तथ्य का जीता जागता सबूत है कि गंगा मे आस्था तो है परन्तु इसे अमिट अथवा स्वच्छ बनाने मे आस्था किसी की नही है।