रिपोर्ट - मुरादाबाद/उत्तर प्रदेश के जिला प्रभारी सत्यवीर यादव।

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ईद उल अजहा के दिन पीतल नगरी के नलों में खूनी रंग का पानी निकला। कालोनी के दर्जन भर मकानों की टंकी से खून के साथ टुकड़े निकलने से सनसनी फैल गई। घटना को लेकर लोगों में आक्रोश फैलने के साथ ही यहां हंगामा होने लगा। शिकायत पर पुलिस के साथ जलकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों का समझा-बुझाकर शांत किया। माना जा रहा है कि कुर्बानी के दौरान नालियों में बह रहा खून पाइप लाइन में लीकेज होने के कारण घरों के नलों तक पहुंच गया। लोगों ने बताया कि टोंटियों से निकला पानी बदबूदार था जिसे लेकर लोग घबरा गए। घटना के लिए नगर निगम और जलकल की लापरवाही पूरी तरह जिम्मेदार है। हालांकि जलापूर्ति के लिए विभाग ने दो टैंकर भी मंगाए।
बुधवार को पीतल नगरी की सिलपत्थर कालोनी में टंकी से खून आने से दशहत फैल गई। आसपास के घरों में यही रंग देख कालोनी में अफरातफरी का माहौल बन गया। वहां मौजूद महिलाओं ने सबसे पहले नल से लाल रंग का बदबूबार पानी निकलने की सूचना दी। रंग के साथ कुछ रेशे भी निकले। घटना को लेकर कालोनी में आक्रोश फैल गया। हालांकि हालात को बिगड़ने से बच गया लोगों में निगम की लापरवाही को लेकर तीखी नाराजगी रही। टंकी से खूनी पानी की खबर मिलने पर निगम पार्षद रानी सैनी, पूर्व पार्षद निशांक शर्मा समेत भाजपा नेता राहुल शर्मा आदि पहुंच गए। नल से निकला पानी का रंग लाल था। बाल्टी और बोतल में खूनी रंग से वहां उत्तेजना फैली । इस बीच मामले की सूचना पाकर पुलिस भी पहुंच गई। मौके पर जीएम जलकल एसपी श्रीवास्तव, जेई दिलीप श्रीवास्तव समेत विभागीय स्टाफ भी आ गया। जलकल विभाग ने लाल रंग की वजह जर्जर पाइप लाइन बताया लेकिन पूर्व पार्षद निशांक शर्मा का कहना है कि पीवीसी से पेयजल आपूर्ति होती है। ये पाइप उनके कार्यकाल 2015 में डाली गई है। हालात देख लोगों को टैंकर से पीने का पानी मुहैया कराया गया।
टंकी से पीने के पानी का रंग बदला मिला तो परिवार की महिलाओं को कुछ समझ नहीं आया। पर खूनी रंग में बदबू से लोग भड़क गए। कुछ देर में कालोनी में खूनी रंग होने की खबर फैल गई। घटना से एक बारगी आमने-सामने तनातनी की नौबत आ गई मगर पुलिस और लोगों के हस्तक्षेप से मामला सुलट गया। हालांकि अफरातफरी भी मची रही। पानी न मिलने से परिवारों को काफी देर तक तक प्यासे रहना पड़ा। जलकल के अफसरों ने हालात देख पानी के दो टेंकर मंगाने पड़े।
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ईद उल अजहा के दिन पीतल नगरी के नलों में खूनी रंग का पानी निकला। कालोनी के दर्जन भर मकानों की टंकी से खून के साथ टुकड़े निकलने से सनसनी फैल गई। घटना को लेकर लोगों में आक्रोश फैलने के साथ ही यहां हंगामा होने लगा। शिकायत पर पुलिस के साथ जलकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों का समझा-बुझाकर शांत किया। माना जा रहा है कि कुर्बानी के दौरान नालियों में बह रहा खून पाइप लाइन में लीकेज होने के कारण घरों के नलों तक पहुंच गया। लोगों ने बताया कि टोंटियों से निकला पानी बदबूदार था जिसे लेकर लोग घबरा गए। घटना के लिए नगर निगम और जलकल की लापरवाही पूरी तरह जिम्मेदार है। हालांकि जलापूर्ति के लिए विभाग ने दो टैंकर भी मंगाए।
बुधवार को पीतल नगरी की सिलपत्थर कालोनी में टंकी से खून आने से दशहत फैल गई। आसपास के घरों में यही रंग देख कालोनी में अफरातफरी का माहौल बन गया। वहां मौजूद महिलाओं ने सबसे पहले नल से लाल रंग का बदबूबार पानी निकलने की सूचना दी। रंग के साथ कुछ रेशे भी निकले। घटना को लेकर कालोनी में आक्रोश फैल गया। हालांकि हालात को बिगड़ने से बच गया लोगों में निगम की लापरवाही को लेकर तीखी नाराजगी रही। टंकी से खूनी पानी की खबर मिलने पर निगम पार्षद रानी सैनी, पूर्व पार्षद निशांक शर्मा समेत भाजपा नेता राहुल शर्मा आदि पहुंच गए। नल से निकला पानी का रंग लाल था। बाल्टी और बोतल में खूनी रंग से वहां उत्तेजना फैली । इस बीच मामले की सूचना पाकर पुलिस भी पहुंच गई। मौके पर जीएम जलकल एसपी श्रीवास्तव, जेई दिलीप श्रीवास्तव समेत विभागीय स्टाफ भी आ गया। जलकल विभाग ने लाल रंग की वजह जर्जर पाइप लाइन बताया लेकिन पूर्व पार्षद निशांक शर्मा का कहना है कि पीवीसी से पेयजल आपूर्ति होती है। ये पाइप उनके कार्यकाल 2015 में डाली गई है। हालात देख लोगों को टैंकर से पीने का पानी मुहैया कराया गया।
टंकी से पीने के पानी का रंग बदला मिला तो परिवार की महिलाओं को कुछ समझ नहीं आया। पर खूनी रंग में बदबू से लोग भड़क गए। कुछ देर में कालोनी में खूनी रंग होने की खबर फैल गई। घटना से एक बारगी आमने-सामने तनातनी की नौबत आ गई मगर पुलिस और लोगों के हस्तक्षेप से मामला सुलट गया। हालांकि अफरातफरी भी मची रही। पानी न मिलने से परिवारों को काफी देर तक तक प्यासे रहना पड़ा। जलकल के अफसरों ने हालात देख पानी के दो टेंकर मंगाने पड़े।