रिपोर्ट - न्यूज़ डेस्क, न्यूज़ इंडिया 17 से मुख्य संपादक संजय कुमार शर्मा।
मेरठ के हाशिमपुरा कांड में दोषी करार दिए गए पीएसी के 15 जवानों को सरेंडर करने के लिए दिया गया वक्त आज पूरा हो जाएगा। गुरुवार को दोषी जवान दिल्ली की तीस हजारी अदालत में सरेंडर कर सकते हैं। इस दौरान उनके परिजन भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि सरेंडर के बाद इन जवानों को दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजा जा सकता है।
इस प्रकरण में 31 अक्तूबर को फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएसी के 16 जवानों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसमें से एक जवान की चार महीने पहले मौत चुकी है। शेष 15 जवानों को सरेंडर करने के लिए 22 नवंबर तक का वक्त दिया गया था। अधिवक्ता प्रशांत शर्मा ने बताया, कुछ जवान गुरुवार को तीस हजारी अदालत में मुख्य महानगर दंडाधिकारी जस्टिस आशु गर्ग की अदालत में पहुंचकर सरेंडर करेंगे। सभी जवान सरेंडर करेंगे या कुछेक ही, इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। माना जा रहा है कि यदि सभी जवानों ने गुरुवार तक सरेंडर नहीं किया तो उसके बाद कभी भी उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
उधर, सरेंडर के साथ ही पीएसी जवानों ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर ली है। इसी माह के अंत तक याचिका दायर की जा सकती है। बता दें कि 22 मई 1987 को मेरठ के हाशिमपुरा में एक व्यक्ति की हत्या के बाद माहौल भड़का था। सर्च ऑपरेशन के नाम पर पीएसी जवानों पर 43 लोगों की हत्या कर मुरादनगर गंगनहर में फेंकने का आरोप है। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने 38 लोगों की हत्या मानी है।
सुप्रीम कोर्ट ने केस दिल्ली ट्रांसफर किया था: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले को 2002 में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर किया गया। वर्ष 2006 में आरोप तय हुए। अभियोजन पक्ष की ओर से 91 लोगों की गवाही हुई। फैसले में एडिशनल सेशन जज संजय जिंदल ने कहा कि यह बहुत तकलीफदेह है कि कुछ निर्दोष लोगों को इतनी यंत्रणा झेलनी पड़ी और एक सरकारी एजेंसी ने उनकी जान ली।
पीएसी के जवानों ने इस कांड को अंजाम दिया जिसमें 78 वर्षीय गवाह रणबीर सिंह बिश्नोई ने एक केस डायरी सौंपी थी। इस केस डायरी में कथित रूप से शामिल सभी पीएसी के जवानों के नाम शामिल हैं। डायरी में 1987 में मेरठ पुलिस लाइंस में तैनात पीएसी कर्मियों के नाम दर्ज हैं।
अखिल भारत हिन्दू महासभा हाशिमपुरा कांड के आरोपी पीएसी जवानों के पक्ष में खुलकर आ गई है। हिन्दू महासभा के पदाधिकारी गुरुवार को नई दिल्ली स्थित तीस हजारी कोर्ट जाएंगे। वहां पीएसी के आरोपी जवानों को माला पहना कर माफी मांगेंगे, तब सरेंडर की कार्रवाई होगी। अखिल भारत हिन्दू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक शर्मा और प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि 1987 के हाशिमपुरा कांड के लिए पीएसी के जवान दोषी नहीं हैं। पीएसी के जवानों ने तो मेरठ शहर को हिंसा से बचाने का काम किया था। वे लोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष वाईके वर्मा के साथ गुरुवार को नई दिल्ली तीसहजारी कोर्ट में जाएंगे। सरेन्डर करने से पहले सभी पीएसी के जवानों को मेरठ शहर की ओर से माला पहनायी जाएगी और उनसे माफी मांगी जाएगी। पीएसी ने हिंसा को शांत करने का काम किया था। .