सम्भल - ग्राम पथरा मे वितरित किये जा रहे उपयोग की समय सीमा पार कर चुके पुष्टाहार के पैकेट, ग्रामीणो के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़
रिपोर्ट - ग्राम पथरा/चन्दौसी/जिला सम्भल से जिला प्रभारी देवेन्द्र कुमार।
उत्तर प्रदेश के जिला सम्भल की तहसील चन्दौसी के अन्तर्गत गॉव पथरा मे बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग की ओर से गर्भवती महिलाओ के लिये वितरित किये जाने वाले पुष्टाहार के वितरण से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे यह जाहिर होता है कि गर्भवती महिला व गर्भस्थ शिशु को कुपोषण से बचाने के नाम पर मात्र खानापूर्ति की जा रही है अथवा यह कार्य बहुत ही लापरवाही के साथ अंजाम दिया जा रहा है। ग्रामीणो को पुष्टाहार के जो पैकेट वितरित किये गये है जिनमे दलिया व लडडू आदि पैक है उनके उपयोग की तिथि काफी पहले ही निकल चुकी है। ग्रामीणो के संज्ञान मे यह तथ्य आते ही उनके आक्रोश का ठिकाना न रहा।
ग्रामीणो ने पहले तो इस सामग्री को वितरित करने वाली ऑगबाड़ी कार्यकत्रियो ने इस बारे मे जानने का प्रयास किया तो उनका जबाब था कि जैसा आया है वैसा ही दे दिया गया है। ग्रामीणो ने इस बारे मे हमारे जिला प्रभारी सम्भल देवेन्द्र कुमार से बताया कि यह सामग्री सितम्बर 2018 मे पैक की गयी है एवं इसका उपयोग पैंकिग से अगले 3 माह तक किया जा सकता है परन्तु अब मार्च 2019 मे उन्हे यह पैकेट दिये गये है इस प्रकार यह उनके लिये बेकार है और यदि प्रयोग किये भी जाते है तो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल ही प्रभाव पड़ेगा। इस बारे मे जब कार्यदायी संस्था से जुड़ी महिलाओ से बात की गयी तो उनका कहना था कि उनका इरादा किसी को मारने का नही है परन्तु जब ये पूछा गया कि क्या उन्होने वितरण से पूर्व पैकेटो की जॉच की थी तो उनका जबाब था कि ये पैकेट बोरियो मे पैक आते है उनका कार्य इनके वितरण का है।
यदि उपरोक्त मामले पर गौर किया जाये तो इस मामले मे बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग के साथ ही इसे वितरित करने वाली संस्था की महिलाओ की भी लापरवाही साफ तौर पर सामने आती है। पहले तो विभाग को ही वितरण हेतु पहुॅचाने से पूर्व सभी आवश्यक औपचारिकताये सावधानी पूर्वक पूरी कर लेनी चाहिये और यदि किसी कारणवश वहॉ काई गलती हो भी गयी हो तो वितरण कार्य से जुड़ी संस्था को इस की शिकायत करनी चाहिये। मगर हकीकत कुछ और ही है यहॉ तो कुपोषण से बचाने के नाम पर वो सामग्री जरूरतमंदो को दी जा रही है जिसका प्रतिकूल प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ना लाजमी है। यदि इसी तरह सेे निचले स्तरो पर लापरवाही का सिलसिला चलता रहा तो सरकार चाहे जितने भी प्रयास कर ले हमेशा आम नागरिक की नजरो मे अपनी छवि का साफ सुथरा बनाने मे असफल ही रहेगी।