रिपोर्ट - ठाकुरद्वारा/जिला मुरादाबाद से तहसील प्रभारी सतीश कुमार।

दायित्व निर्वाह में मुरादाबाद पीआरवी का सानी कोई नहीं। यही वजह है कि मुरादाबाद की पीआरवी रिस्पांस के मामले में पूरे प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। आड़े वक्त में दिल्ली के रहने वालों की मदद करके पीआरवी कर्मी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। ऐसा भी नहीं कि मुरादाबाद पुलिस के दामन पर दाग नहीं हैं, लेकिन इसे धोने की भरसक कोशिश पीआरवी पर तैनात पुलिस कर्मी करते हैं।
नया वाकया ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र का है।दिल्ली एयरपोर्ट कॉलोनी के रहने वाले सुशांत राम रात सपिरवार कार में सवार होकर उत्तरांचल स्थित हल्द्वानी रवाना हुए। बताया जाता है कि वह अपने रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। रात करीब 12 बजे मुरादाबाद रोड पर लौंगी खुर्द के समीप जंगल में उनकी कार खराब हो गई। अचानक कार बंद होने से सुशांत की सांसें टंग गईं। कारण कि कार में महिलाएं भी मौजूद थीं। आनन फानन में सुशांत ने कार दोबारा स्टार्ट करने की पुरजोर कोशिश की। बावजूद इसके सफलता उनके हाथ नहीं लगी। इधर रात का डरावना सन्नाटा अनहोनी की आशंकाओं को जन्म दे रहा था।
इस हालात से उबरने की कोशिश में उन्होंने पुलिस की मदद लेने की ठानी। डायल 100 पर काल किया। बताया कि वह सपरिवार बेवश व लाचार हैं। कार खराब होने की वजह से सिर पर संकट मंडरा रहा है। महिलाएं असुरक्षा के भाव से ग्रस्त हैं। सूचना लखनऊ में दर्ज कराने के बाद वह पुलिस का इंतजार करने लगे। कुछ ही देर में कांस्टेबल राहुल और प्रमोद कुमार अपने वाहन चालक राजबहादुर सिंह के साथ मौके पर पहुंच गए। पीडि़त परिवार को पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ सुरक्षित होने का बोध कराया, बल्कि रस्सी के सहारे मैकेनिक के घर तक कार खींच कर ले गए। पुलिस कर्मियों ने तत्काल दूसरे वाहन की व्यवस्था की। पीडि़त परिवार को ठाकुरद्वारा पहुंचाया। कार में तीन महिलाएं और दो पुरुष थे। पुलिस के इस रूप को देख पीडि़त परिवार ने उन्हें देवदूत होने की संज्ञा दी।