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संभल - शान ए शम्सोई बालकिशन शर्मा पंचतत्व में विलीन, अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़

रिपोर्ट - शम्सोई/जिला संभल से जिला प्रभारी देवेंद्र कुमार। 
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शान ए शमसोई, संघर्ष की जीती जागती मिशाल, ताऊजी के नाम से क्षेत्र में विख्यात  बालकिशन शर्मा जी  का 90 बर्ष की आयु में 25 अक्टूबर 2019, दिन शुक्रवार को  दोपहर 2 बजे आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनकर शमसोई व गाँव के आस-पास क्षेत्रों से मिलने बाले संबधियों की बहुत बड़ी संख्या उनके अंतिम दर्शन को उमड़ पड़ी !

 बालकिशन शर्मा से जुड़ी व सुनी कुछ विशेष यादें , ऐसा महसूस होता है मानो किसी फिल्म की कहानी हो   
दोस्ती की खातिर वर्ष 1974 में 11 हत्याओं के आरोप में जेल गए एवं वर्तमान में जिला संभल के साथ ही लम्बे समय तक मीडिया की सुर्खियों में बने रहे।  कई बर्षो तक आगरा जेल में रहते हुए  जेल के अंदर ही कथा बाचक भी रहे। 
जीवन भर अनेको सामाजिक कार्यो में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, गाँव में स्कूल खोलकर निशुल्क शिक्षा देना , बिना चुनाव लड़े निर्विरोध रूप से  गाँव का प्रधान चुना जाना, जेल से ही 1990 दशक में सांसद का चुनाव लड़ना तथा ब्लॉक् प्रमुख व चंदौसी के एस एम कॉलेज के प्रथम छात्र संघ अध्यक्ष पद पर चुने जाना उनकी लोकप्रियता को दर्शाने हेतु काफी है। 

गाँव रहते हुए भागबत गीता, रामकथा का बाचन व शानदार मंच कला के धनी।  क्षेत्र में जब भी गाँव से थोड़ा दूर जाओ और कोई बुजर्ग पूछे कहाँ रहतो हो जबाब दो  हम शमसोई गांव के निवासी है  सामने वाला निरुत्तर हो बस इतना ही कहता था अच्छा बालकिशन शर्माजी बाली शमसोई , हाँ बिल्कुल सही पहचाना आपने !

ऐसी शख्सियत की कमी शम्सोई वासियो को ही नहीं हर उस शख्स को हमेशा खलेगी जो जीवन में कभी भी उनके संपर्क में रहा होगा। 


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