व्हाट्स ग्रुप पर भड़काऊ पोस्ट कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे के आरोप में पुलिस ने ग्रुप एडमिन समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोप है कि शुक्रवार को दो नंबरों से ग्रुप पर भड़काऊ पोस्ट की गई थी। उसके बाद ही शहर में बवाल हुआ था।
बीते शुक्रवार 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में नगर में उपद्रवियों ने बवाल किया था। उपद्रवियों ने पथराव-फायरिंग और आगजनी की थी। कई पुलिसकर्मी और पत्रकारों पर भी जानलेवा हमला किया गया था, हालांकि बवाल से चंद घंटा पहले जिला प्रशासन ने शुक्रवार दोपहर को ही 12 बजे जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। आरोप है कि नगर में संचालित वाट्सएप ग्रुप फ्रेंडस आफ अमरोहा पर 20 दिसंबर को दो नंबर से कई भड़काऊ पोस्ट की गई थी। बवाल के बाद चौथे दिन सोमवार शाम को इंटरनेट सेवा शुरू हुई। तभी से पुलिस और सर्विलांस टीम सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है। पुलिस ने इस ग्रुप की जांच की तो सारा मामला सामने आया। लिहाजा प्रभारी निरीक्षक ने शुक्रवार को हुए बवाल के पीछे इस ग्रुप पर की गई पोस्ट को जिम्मेदार मानते हुए मंगलवार शाम को ग्रुप एडमिन व दोनों नंबर के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। प्रभारी निरीक्षक रविंद्र सिंह ने बताया कि सर्विलांस टीम सोशल मीडिया के सभी ग्रुप की निगरानी कर रही है। फ्रेंड्स ऑफ अमरोहा ग्रुप में 20 दिसंबर के बहुत सारे भड़काऊ मैसेज पाए गए हैं, जिसके आधार पर लोगों में भावनाएं भड़कीं और सांप्रदायिक सौहार्द खराब हुआ है।
उन्होंने बताया कि इसलिए ग्रुप एडमिन और दो मोबाइल नंबर के आधार पर तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन दोनों नंबर से ग्रुप में भड़काऊ पोस्ट डाले गए थे। पुलिस इनकी जांच कर रही है।
अमरोहा/उत्तर प्रदेश से जिला प्रभारी घनश्याम शर्मा।