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नगीना - विधायक मनोज पारस को कोर्ट ने फिर जेल भेजा, 11 दिसंबर को जमानत पर आये थे

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नगीना विधायक मनोज पारस को मुरादाबाद कोर्ट ने धरना प्रदर्शन के एक मामले में जेल भेज दिया है जबकि, डेढ़ महीना पहले ही गैंगरेप आरोप के एक मामले में पारस जेल से जमानत पर बाहर आए थे। हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर 19 को नगीना विधायक की जमानत मंजूर की थी तथा 11 दिसंबर को पारस जेल से बाहर आए थे। 

करीब छह माह इलाहबाद की नैनी जेल में बंद रहने के बाद उन्हें जमानत मिली थी। एक महिला ने मनोज पारस कुछ अन्य पर यौन उत्पीड़न और गैंगरेप का आरोप लगाया था। करीब 13 साल से चल रहे यौन उत्पीड़न के मामले में एक जून 2019 को मनोज पारस ने इलाहबाद की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। 4 जून को जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने नैनी जेल भेज दिया गया था। अभी जेल से आए डेढ़ महीना ही बीता था कि छजलैट में धरना देने के मामले में मुरादाबाद कोर्ट ने मनोज पारस को जेल भेज दिया। साल 2008 मे हुए इस मामले में नगीना विधायक के गैर जमानती वारंटी जारी हो रखे थे। इसी मामले में कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए हैं। मनोज पारस दिसंबर माह में जेल से आने के तुरंत बाद ही सक्रिय हो गए थे। क्षेत्र में दौरा करते हुए लोगों की समस्याएं सुननी शुरू कर दी थी। वहीं विकास कार्यों का लोकार्पण भी कई जगह पर किया। अब फिर से जेल जाने के कारण उनके समर्थकों में मायूसी छा गई।

नगीना/जिला बिजनौर से जिला प्रभारी विभोर कौशिक। 
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