नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को एक रक्षा सौदे से जुड़े भ्रष्टचार के मामले में चार वर्ष की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही जेटली के पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पछेरवाल और मेजर जनरल(रि.) एस.पी. मुरगई को भी अदालत ने जेल की समान सजा सुनाई है।
सीबीआई जज विरेंद्र भट्ट ने तीनों को गुरुवार शाम पांच तक सरेंडर करने का आदेश दिया। तीनों के ऊपर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
यह मामला तहलका द्वारा 2000-2001 में किए गए एक स्टिंग आपरेशन ऑपरेशन वेस्टलैंड के जरिए सामने आया था, जोकि एक रक्षा सौदे से जुड़ा मामला था। तहलका ने इसे वर्ष 2001 के मध्य मार्च में जारी किया था।
20 जुलाई को स्टिंग ऑपरेशन के 20 साल बाद कोर्ट ने जया जेटली, मेजर जनरल एस पी मुरगई और गोपाल के पछेरवाल को दोषी ठहराया।
स्टिंग के आधार पर चार- जया जेटली, मेजर जनरल एस.पी. मुरगई, गोपाल के. पछेरवाल और सुरेंद्र कुमार सुरेखा के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। हालांकि बाद में सुरेखा सीबीआई का अप्रूवर बन गया। सीबीआई ने जेटली व अन्य के खिलाफ 2006 में मामला दर्ज कराया था।
सीबीआई के अनुसार, जेटली ने 2000-01 में मुरगई, सुरेखा और पछेरवाल के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और फिर एम/एस वेस्टलैंड इंटरनेशनल, लंदन के प्रतिनिधि मैथ्यु सैमुअल से 2 लाख रुपये घूस के रूप में लिए।
उन्होंने रक्षा सामग्रियों के आदेश को प्राप्त करने के मामले में लोकसेवकों पर प्रभाव डालने के उद्देश्य से ऐसा किया। जिसके तहत रक्षा मंत्रालय को हैंड हेल्ड थर्मल कैमरा(एसएसटीसी) मिलने थे।
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सीबीआई जज विरेंद्र भट्ट ने तीनों को गुरुवार शाम पांच तक सरेंडर करने का आदेश दिया। तीनों के ऊपर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
यह मामला तहलका द्वारा 2000-2001 में किए गए एक स्टिंग आपरेशन ऑपरेशन वेस्टलैंड के जरिए सामने आया था, जोकि एक रक्षा सौदे से जुड़ा मामला था। तहलका ने इसे वर्ष 2001 के मध्य मार्च में जारी किया था।
20 जुलाई को स्टिंग ऑपरेशन के 20 साल बाद कोर्ट ने जया जेटली, मेजर जनरल एस पी मुरगई और गोपाल के पछेरवाल को दोषी ठहराया।
स्टिंग के आधार पर चार- जया जेटली, मेजर जनरल एस.पी. मुरगई, गोपाल के. पछेरवाल और सुरेंद्र कुमार सुरेखा के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। हालांकि बाद में सुरेखा सीबीआई का अप्रूवर बन गया। सीबीआई ने जेटली व अन्य के खिलाफ 2006 में मामला दर्ज कराया था।
सीबीआई के अनुसार, जेटली ने 2000-01 में मुरगई, सुरेखा और पछेरवाल के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और फिर एम/एस वेस्टलैंड इंटरनेशनल, लंदन के प्रतिनिधि मैथ्यु सैमुअल से 2 लाख रुपये घूस के रूप में लिए।
उन्होंने रक्षा सामग्रियों के आदेश को प्राप्त करने के मामले में लोकसेवकों पर प्रभाव डालने के उद्देश्य से ऐसा किया। जिसके तहत रक्षा मंत्रालय को हैंड हेल्ड थर्मल कैमरा(एसएसटीसी) मिलने थे।
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