चंदौसी - महापुरुष स्मारक समिति के तत्वाधान में धूमधाम से मनाई गयी लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती
आज सोमवार को महापुरुष स्मारक समिति एवं सर्व समाज जागरूकता अभियान भारत के संयुक्त तत्वावधान में भारत रत्न लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल एवम स्वतंत्रता सेनानी आचार्य नरेंद्र देव की जयंती तथा पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष पण्डित सुरेश चंद्र शर्मा के आवास पर कृष्णा नगर कॉलोनी गली नंबर दो में धूमधाम से मनाई गयी। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता ने मंत्रोत्तचारण के बीच तीनों के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता किशनलाल शर्मा(प्रबंधक आदर्श बाल विद्या मंदिर जूनियर हाईस्कूल) ने व संचालन पंडित सुरेश चंद्र शर्मा ने किया। व्यवस्थापक दुर्गेश शर्मा रहे। विशिष्ट अतिथि श्री अंबरी श श्रोत्रिय,श्री हरिशंकर शर्मा, पूर्व प्रधान श्री वेदराम मौर्य,पूर्व प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह राघव, अनिल कुमार शर्मा,श्री मति गंगा देवी, शिवशंकर मिश्रा, रहे। कार्यक्रम संयोजक पंडित सुरेश चंद्र शर्मा रहे।
मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने कहा कि भारत रत्न लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म ३१अक्टूबर १८७५को गुजरात के नडियाद गांव में हुआ था। आपके पिता झवेर भाई पटेल, मां लाडवा देवी थी। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में हुईं, आपने लंदन जाकर बैरिसटर की पदाई की। वकालत भी की। महात्मा गांधी जी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया।१९१८ में खेड़ा संघर्ष,१९२८ में बारडोली सत्याग्रह के दौरान किसान आंदोलन का नेतृत्व किया।उन्हे महिलाओ ने आंदोलन की सफलता पर सरदार की उपाधि दी, ब्रिटिश शासन को झुकना पड़ा।उन्हे स्वतंत्रता आंदोलन में कई बार जेल जाना पड़ा। देश आजाद होने के बाद उन्हें उप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री बनाया गया। सरदार पटेल ने ५६२ रियासतों का विलय कर भारत का एकीकरण किया। हैदराबाद, जू नागड़ में सेना भेजकर विलय कर लिया। कश्मीर भी ५अगस्त २०१९को धारा ३७०एवम अनुच्छेद ३५A हटने के बाद भारत का अभिन्न अंग बन गया। सरदार पटेल के नाम पर हवाई अड्डे, विश्वविद्यालय,संस्थान हैं, वही स्टेच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है।१५ दिसंबर १९५० को बाम्बे में सरदार पटेल का स्वर्गवास हो गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने आचार्य नरेंद्र देव जी के बारे में बताते हुए कहा कि वह भारतीय समाजवाद के पितामह, शिक्षक, भारतीय संस्कृति के पोषक, अमर स्वतंत्रता सेनानी थे। आचार्य नरेंद्र देव का जन्म उत्तर प्रदेश के सीतापुर में ३१अक्टूबर १८८९को हुआ था, आपके पिता बलदेव प्रसाद, मां जवाहर देवी थी।आप जब इलाहाबाद में शिक्षा प्राप्त कर रहे थे तव लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, विपिन चंद्र पाल, अरविंद घोष से प्रेरित हुए। आचार्य नरेंद्र के जीवन पर महात्मा गांधी जी का प्रभाव पड़ा और स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े।१९४७ में लखनऊ विश्व विद्यालय के कुलपति बने।१९५०में राष्ट्रीय विश्व महासंघ में भारत का प्रतिनिधित्व किया।आप विधानसभा सदस्य, राज्यसभा सदस्य,भी रहे,आपने कांग्रेस में रहते हुए समाजवाद का झंडा बुलंद किया। आचार्य नरेंद्र देव के शिष्यों में पूर्व प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री, पूर्व प्रधानमन्त्री चंद्रशेखर, वरिष्ठ नेता कमला पति त्रिपाठी थे।उनका जीवन मानवता के लिए समर्पित था।१९ फरवरी १९५६ को आचार्य नरेंद्र देव का निधन हो गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने आयरन लेडी इन्दिरा गांधी जी के बारे में कहा कि वह भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी। उनका जन्म १९नवंबर १९१७ को इलाहाबाद में हुआ। इन्दिरा गांधी जी के पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू, माता कमला नेहरू थी। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी की मदद को बा नर सेना बचपन में बनाई।उनका विवाह फिरोज गांधी जी से हुआ। १९५६में वह कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। पूर्व प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री जी के निधन के बाद वह २४जनवरी १९६६को पहली भारत की महिला प्रधानमंत्री बनी।१९७१में भारत पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान पर जीत हासिल की। पाकिस्तान का बटवारा कर बांग्लादेश बनाया। ३१अक्टूबर १९८४को बॉडी गार्ड ने गोली मारकर हत्या कर दी।
अध्यक्षता करते हुए किशनलाल शर्मा, पंडित सुरेश चंद्र शर्मा, अम्बरीश श्रोत्रिय, हरिशंकर शर्मा,अनिल कुमार शर्मा, राजेन्द्र सिंह राघव ,दुर्गेश शर्मा,वेदराम मौर्य,ने विचार व्यक्त किए। श्री मति गंगा देवी, शिवशंकर मिश्रा,संजीव मिश्रा, भास्कर मिश्रा, यश मिश्रा, वंश मिश्रा, विपिन कुमार, जितेन्द्र वर्मा,आदि उपस्थित रहे।अंत में राष्ट्र गान से कार्यक्रम का समापन हुआ।
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