रामपुर - आजम खां व अब्दुल्ला आजम की सजा स्थगन आदेश की अपील ख़ारिज, छजलैट प्रकरण में मिली है दो वर्ष कारावास की सजा
वर्ष 2008 में हुए छजलैट विवाद में सपा नेता आजम खां व उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को एमपीएमए कोर्ट ने दोषी करार दिया था और दो -दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही दो दो हजार रूपये जुर्माना भी लगाया गया था। कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आजम खां व अब्दुल्ला आजम ने सेशन कोर्ट में स्थगन आदेश के लिए अपील की थी। दो दिन तक चली जिरह के बाद एमपीएमएलए सेशन कोर्ट में उनकी अपील को ख़ारिज कर दिया।
पाठको को बताना उचित होगा कि वर्ष 2008 में छजलैट थाना क्षेत्र में कार चेकिंग के विरोध में आजम खां व उनके समर्थको ने रोड जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था। इस मामले में पुलिस ने आजम खां उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम, विधायक अमरोहा महबूब अली, पूर्व विधायक नईम उल हसन, बिजनौर के नगीना से विधायक मनोज पारस, डीपी यादव, राजेश यादव, पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी व राजकुमार प्रजापति को नामजद किया था।
इस मामले में एमपीएमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दो वर्ष के कारावास व दो -दो हजार रूपये जुर्माने की सुनाई थी। इनके अतिरिक्त अन्य 7 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ दोनों ने सेशन कोर्ट में स्थगन आदेश के लिए अपील की थी। इस अपील को सेशन कोर्ट ने ख़ारिज करते हुए इस मामले सुनवाई के लिए 15 मार्च की तारीख दी है।
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