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मुरादाबाद - थानाध्यक्ष छजलैट को हटाने हेतु गौकशी की साजिश रचने वाले 3 कथित विश्व हिन्दू परिषद नेता गिरफ्तार

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गौकशी को आधार बनाकर छजलैट थानाध्यक्ष को हटवाने की साजिश रचने के मामले में मुरादाबाद पुलिस ने 3 युवको को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गए तीनो युवक कथित रूप से विश्व हिन्दू परिषद के नेता बताये जा रहे है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।


एसएसपी हेमराज मीणा ने प्रेस वार्ता के दौरान मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मोनू विश्नोई उर्फ़ सुमित, राजीव चौधरी, रमन चौधरी, शाहबुद्दीन, जमशेद व नईम इस पुरे षड्यंत्र में शामिल थे। पुलिस ने अभी मोनू विश्नोई, राजीव चौधरी, रमन चौधरी व शाहबुद्दीन को गिरफ्तार किया है जबकि जमशेद व नईम अभी फरार है। गिरफ्तार किये गए आरोपियो ने पुलिस द्वारा की गयी पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आरोपियों द्वारा जुर्म कबूल किए जाने की वीडियो भी पुलिस के पास है। एसएसपी ने बताया कि कांठ थाना क्षेत्र के गाँव रसूलपुर गुज्जर का निवासी मोनू विश्नोई उर्फ़ सुमित स्वयं को विहिप के धर्म प्रसार विभाग का जिला प्रमुख बताता है। वह वर्ष 2011 से संगठन से जुड़ा है। राजीव चौधरी निवासी गाँव चक पचोकरा, थाना क्षेत्र छजलैट के पास कांठ तहसील क्षेत्र के प्रखंड अध्यक्ष का पद है। इसके साथ ही छजलैट थाना क्षेत्र के गाँव खानपुर का निवासी रमन चौधरी खुद को विहिप का कार्यकारी सदस्य बताता है। बताए गया कि इन तीनो ने गाँव चेतरामपुर के शाहबुद्दीन के साथ मिलकर घटना का ताना बाना बुना था। इन लोगो ने गत 16 जनवरी को समदपुर चौराहे के पास कांवड़ पथ पर मवेशियों के अवशेष रखवाए थे और थानाध्यक्ष छजलैट सत्येंद्र शर्मा पर आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। इसके बाद 18 जनवरी को फिर से इन कथित नेताओ के इशारे पर शाहबुद्दीन व जमशेद ने रात के समय चेतरामपुर गाँव निवासी विमला देवी पत्नी सुरेश की गाय चुराकर गौकशी कराई थी। इसके बाद विहिप नेताओ ने कांठ तहसील व थाने का घेराव किया था।


एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि 15 दिन पहले पुलिस ने करीब 32 भैंसा पकड़े गए थे। मोनू विश्नोई थानाध्यक्ष पर दबाब बनाकर आईएनएस मवेशियों को अपने कार्यकर्ताओं के सुपुर्द करने को कह रहा था। थानाध्यक्ष ने वह मवेशी अन्य के सुपुर्द कर दिए थे। मोनू थानाध्यक्ष पर गोकशी व अन्य अनैतिक कार्य कराने का दबाव भी मोनू द्वारा बनाया जा रहा था। इन मामलों में थानाध्यक्ष की सहमति न मिलने से वह उन्हें थाने से हटवाने के लिए साजिश रच रहा था। दूसरी ओर शाहबुद्दीन भी अपने भाई रुकसाद की मृत्यु में अपने गांव चेतरामपुर के महमूद से रंजिश रखता है। शाहबुद्दीन महमूद को फंसाना चाहता था, इसलिए उसने 28 जनवरी के दिन हुई गोकशी घटनास्थल पर औजार और एक लोवर की जेब में पर्स रख दिया था। इस पर्स में मिला फोटो व मोबाइल नंबर महमूद का था। गिरफ्तार किये गए तीनो आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। 

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