वर्ष 2019 में रामपुर के गंज थाने में सपा नेता आजम खां के खिलाफ दर्ज डूंगरपुर के एक मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने उन्हें बरी कर दिया है। बताते चलें कि डूंगरपुर क्षेत्र में कुछ लोगो के मकान बने हुए थे। इस जमीन को सरकारी बताते हुए वर्ष 2016 में इस मकानों को तोड़ दिया गया था और यहाँ आसरा आवास बनाये गए थे।
उक्त प्रकरण के लगभग 1 वर्ष बाद डूंगरपुर के बाशिंदों द्वारा जुलाई 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया गया था कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनके साथ मारपीट और लूटपाट की गई थी। मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था। इन मुकदमों में पहले आजम खां नामजद नहीं थे, लेकिन विवेचना के दौरान जो आरोपी गिरफ्तार किए थे। उन्होंने पुलिस को बयान दिए थे कि आजम खां के इशारे पर मकानों में लूटपाट और तोड़फोड़ की थी। उसी के आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की थी। इन मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। इनमें एक मामला रूबी पत्नी करामत अली की ओर से दर्ज कराया गया था। आज बुधवार को सभी आरोपी कोर्ट पहुंचे थे। करीब तीन बजे आजम खां भी कड़ी सुरक्षा में कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में सपा नेता आजम खां के साथ ही पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खां,सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, ओमेंद्र चौहान, बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आलेसहन खां, फिरोज खान और रानू खां है।
आजम खां के विनोद शर्मा में बताया कि डूंगरपुर के एक मामले में लगातार कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इस मामले में आज बुधवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों का साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
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