बिजनौर - जूना अखाड़े के साधूओ ने कलेक्ट्रेट परिसर मे तलवार लहराते हुए किया प्रदर्शन, प्रशासनिक अधिकारियो को सुनाई खरी खोटी
हरिद्वार से बिजनौर पहुंचे जूना अखाड़े के दर्जनों साधू संतो ने आज मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर मे प्रशासन पर गौवंशीय पशुओ को गौशाला से हटाकर कही ओर भेज देने का आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान संतो ने बुलंद आवाज मे प्रशासनिक अधिकारियो को खरी खोटी सुनाई व चोर तक कह डाला। आक्रोशित संतो से वार्ता करने आये एसडीएम सदर व प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर को भी उनके विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शन के दौरान जूना अखाड़े की साध्वी गंगा नंद सरस्वती ने हाथ में तलवार लेकर जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाए और प्रशासन के खिलाफ अपशब्द भी कहे।
साध्वी गंगा नंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि उनके कंडव ऋषि मल देवता मठ की गौशाला से 70 से अधिक गोवंश, जिनमें दूध देने वाली गायें भी शामिल थी को प्रशासन ने ग्राम प्रधान के सहयोग से वहां से कही और भिजवा दिया है। उन्होंने कहा की गौवंश के साथ ही गौशाला में रखा अनाज और भूसा भी ट्रकों में भरकर ले जाया गया। साध्वी ने यह भी दावा किया कि प्रशासन द्वारा मठ में मौजूद रहे महात्माओं के साथ भी बदसलूकी की गई और पुलिस से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नही की गयी है। प्रदर्शन के दौरान कुछ सन्तों ने कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार को बंद कर दिया। मुख्य द्वार बंद होने पर वाहनों के आवागमन मे काफी परेशानी हुई। साधु संतों ने दफ्तर के बाहर खड़ी डीएम की गाड़ी को घेरा।
आक्रोशित साधू संतो से वार्ता करने पहुंचे एसडीएम सदर अवनीश कुमार, तहसीलदार और प्रभारी निरीक्षक नगर कोतवाली उदय प्रताप ने उन्हें शांत कराने का प्रयास किया, परन्तु आक्रोशित संतों ने एडीएम और एसडीएम की गाड़ियों को कलेक्ट्रेट में घुसने से रोक दिया और मुख्य द्वार भी बंद कर दिया। साधु-संत डीएम के कार्यालय के बाहर घेराव करते हुए प्रदर्शन करते रहे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कलक्ट्रेट के बाद शाम को संतों के काफिले ने गढ़ी बगीची के मंदिर की तरफ कूच कर दिया। उधर, गांव वाले संतों के विरोध में उतर और मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर ट्रैक्टर-ट्राली लगा दी। गांव की ओर रवाना हुए संतों का ग्रामीणों ने रास्ता रोक लिया। टकराव की स्थिति बनती देख एएसपी सिटी संजीव वाजपेयी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत किया।
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