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मुरादाबाद /उत्तर प्रदेश से मनोज पाल की रिपोर्ट।
जी हां यह दुख भरी कहानी है उन मां बाप की जिन्होंने अपनी औलाद को उंगली पकड़कर चलना सिखाया, समाज में रहना सिखाया, पढ़ाया-लिखाया आज वहीं दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। कलयुगी पुत्र आज अपने उन्हीं मां बाप को बोझ समझ रहा है और उनकी जीवन भर की कमाई ठिकाने लगा कर दर-दर की ठोकरें खाने को सड़क पर छोड़ दिया।
रेलवे से रिटायर हरपाल सिंह आज सिविल लाइन थाने पहुंचे और अपनी दुखभरी व्यथा सुनाई। उनके साथ उनकी पत्नी भी थी।
मुरादाबाद /उत्तर प्रदेश से मनोज पाल की रिपोर्ट।
जी हां यह दुख भरी कहानी है उन मां बाप की जिन्होंने अपनी औलाद को उंगली पकड़कर चलना सिखाया, समाज में रहना सिखाया, पढ़ाया-लिखाया आज वहीं दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। कलयुगी पुत्र आज अपने उन्हीं मां बाप को बोझ समझ रहा है और उनकी जीवन भर की कमाई ठिकाने लगा कर दर-दर की ठोकरें खाने को सड़क पर छोड़ दिया।
रेलवे से रिटायर हरपाल सिंह आज सिविल लाइन थाने पहुंचे और अपनी दुखभरी व्यथा सुनाई। उनके साथ उनकी पत्नी भी थी।
जिनकी उंगली थामकर चलना सीखा, आज उन्हीं को दर- दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर दिया। हरथला के बुजुर्ग दंपति ने जीवनभर की कमाई जोड़कर जिस छत को जीवन संध्या के लिए सहेजा उस पर उनके बड़े ने बेटे न सिर्फ कब्जा कर लिया बल्कि मां- बाप को घर से धक्का देकर निकाल दिया। रेलवे से रिटायर्ड हरपाल सिंह और उनकी पत्नी मंगलवार को सविल लाइंस थाने पहुंचे और अपनी व्यथा सुनाई।
मुरादाबाद के रजबपुर के रहने वाले हरपाल सिंह रेलवे में नौकरी करते थे।सन 2016 में वह सेवानिवृत्त हो गए।वर्तमान में वह अपनी पत्नी जावित्री, छोटे बेटे आदेश और बेटी अनीता के साथ रेलवे कि हरथला कॉलोनी में बने स्टाफ क्वार्टर में रह रहे हैं। हरपाल सिंह ने अपने बड़े बेटे नरेश कुमार को 2007 में अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया था। हरपाल सिंह के अनुसार उनके बड़े बेटे नरेश की शादी सन 2000 में जिला बिजनौर के चांदपुर की रानी से हुई थी। बताया गया कि नरेश का आचरण शुरू से ही खराब था। शादी के कुछ समय बाद ही वह अपनी मां के जेवर चुराकर बेचने के लिए ले गया था। वह अपनी पत्नी रानी को लेकर परिवार से अलग रहने लगा था। मां बाप ने जब उसका विरोध किया तो उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा दिया। इसके बाद हरपाल सिंह में नरेश को संपत्ति से बेदखल कर दिया था। हरपाल सिंह ने बाकायदा कानूनी कार्रवाई कर नरेश को संपत्ति से बेदखल किया था।
हरपाल सिंह ने रिटायर होने के बाद चंदन नगर में अपना मकान बनाया था। इस मकान को बनाने में हरपाल सिंह ने अपनी जीवन भर की कमाई तथा उस फंड का पैसा लगा दिया। सन् 2017 में मकान बनकर तैयार हो गया था। आरोप है कि हरपाल सिंह अपनी पत्नी और बच्चों सहित अपने बने मकान में गृह प्रवेश करते उससे पहले ही नरेश कुमार ने मकान के ताले तोड़कर कब्जा कर लिया था। 2 दिन पहले हरपाल सिंह ने पत्नी के साथ मकान में प्रवेश करना चाहा तो नरेश ने उनके साथ मारपीट की तथा अब अपने बेटे के अत्याचारों से तंग हो उन्होंने पुलिस की शरण ली है।