रिपोर्ट - गजरौला/जिला अमरोहा से जिला प्रभारी घनश्याम शर्मा।
जिला अमरोहा के तरारा गांव निवासी सिपाही की बागपत में मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। सिपाही का शव के गांव पहुंचने के बाद गुस्साए परिजनों ने हंगामा किया। शुक्रवार सुबह अंतिम संस्कार से पहले शव को कांकाठेर के पास दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रख परिजनों एवं ग्रामीणों ने जाम लगाने का प्रयास किया। सिपाही के शव को सड़क पर रख जाम लगाने की सूचना मिलने पर पुलिस सकते में आ गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जाम लगा रहे ग्रामीणों एवं परिजनों से मार्ग अवरुद्ध न करने के लिए कहा, लेकिन आक्रोशित परिजन न माने आनन-फानन में आला अधिकारियों का जत्था घटनास्थल पर पहुंच गया। अधिकारियों ने समझाने का भरसक प्रयास किया लेकिन गुस्साए परिजन अडिग रहे । पुलिस ने जब लोगों को तितर-बितर करना चाहा तो भीड़ में शामिल किसी एक व्यक्ति ने पुलिस अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार किया इसके चलते हालात संभालने के लिए पुलिस को कुछ बल प्रयोग करना पड़ा। मौके पर हंगामे के हालात बने हुए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बागपत जिले की टिकरी चौकी के प्रभारी एसआइ भगवत सिंह और कांस्टेबल सतवीर सिंह गुरुवार सुबह करीब नौ बजे चौकी के बाहर खाना खा रहे थे। बताया जाता है कि कांस्टेबल प्रवीण कुमार अपना खाना लेकर चौकी के अंदर कमरे में गया। थोड़ी देर बाद ही कमरे में दो गोली चलने की आवाज हुई। चौकी प्रभारी भगवत सिंह और कांस्टेबल सतवीर सिंह कमरे में पहुंचे तो उनको प्रवीण कुमार का शव लहूलुहान हालत में पड़ा मिला। उसके हाथ में भगवत सिंह की सर्विस रिवाल्वर मिली। यह देख पुलिसकर्मियों ने कमरे के दरवाजे बंद कर दिए और पुलिस अफसरों को घटना की सूचना दी। प्रवीण कुमार अमरोहा जनपद के गांव तरारा का रहने वाला था और वर्ष 2016 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बागपत जिले की टिकरी चौकी के प्रभारी एसआइ भगवत सिंह और कांस्टेबल सतवीर सिंह गुरुवार सुबह करीब नौ बजे चौकी के बाहर खाना खा रहे थे। बताया जाता है कि कांस्टेबल प्रवीण कुमार अपना खाना लेकर चौकी के अंदर कमरे में गया। थोड़ी देर बाद ही कमरे में दो गोली चलने की आवाज हुई। चौकी प्रभारी भगवत सिंह और कांस्टेबल सतवीर सिंह कमरे में पहुंचे तो उनको प्रवीण कुमार का शव लहूलुहान हालत में पड़ा मिला। उसके हाथ में भगवत सिंह की सर्विस रिवाल्वर मिली। यह देख पुलिसकर्मियों ने कमरे के दरवाजे बंद कर दिए और पुलिस अफसरों को घटना की सूचना दी। प्रवीण कुमार अमरोहा जनपद के गांव तरारा का रहने वाला था और वर्ष 2016 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था।
अधिकारियों के मुताबिक प्रवीण ने आत्महत्या की है जबकि इसके उलट परिजनों ने उसकी हत्या किए जाने का आरोप लगाया। गुरुवार देर रात प्रवीण का शव बागपत से पैतृक गांव तरारा लाया गया, तो गांव में कोहराम मच गया। शुक्रवार तड़के परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर निकले। इसी बीच दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर कांकाठेर के नजदीक शव रखकर उन्होंने जाम लगा दिया व प्रवीण की हत्या किए जाने का आरोप लगाया। निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग की। इस सबके चलते मौके पर हंगामे की स्थिति गयी। स्थानीय पुलिस और मृतक सिपाही के परिजन आमने-सामने नजर आ गए। मौके पर पहुंची पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा, क्षेत्राधिकारी मोनिका यादव व प्रभारी निरीक्षक थाना गजरौला ने बामुश्किल परिजनों व ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत किया और जाम खुलवाया।