नहटौर - प्रबुद्धजन विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने हिन्दू परिवार व्यवस्था व आत्मनिर्भर भारत विषय पर किये विचार व्यक्त

नहटौर - प्रबुद्धजन विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने हिन्दू परिवार व्यवस्था व आत्मनिर्भर भारत विषय पर किये विचार व्यक्त

आज रविवार की शाम नगर के डीके फार्म हाउस में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में तत्वाधान में प्रबुद्धजन नागरिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारीगण व कार्यकर्ताओ सहित नगर के गणमान्य मौजूद रहे। गोष्ठी में उपस्थित रहे वक्ताओं ने हिन्दू परिवार व्यवस्था व आत्मनिर्भर भारत विषय पर अपने विचार रखे। 


सभा में उपस्थित रहे बलराम कुंवर सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य सुरेंद्र सिंह ने हिन्दू परिवार व्यवस्था पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हिन्दू परिवार व्यस्था हमे एकजुटता का सन्देश देती है। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में संयुक्त परिवार होते थे और सभी पारिवारिक सदस्य मिलजुलकर सभी कार्य करते थे। परिजन एक दुसरे की सुख सुविधा के साथ ही कार्यो का भी आपसी बँटवारा किये होते थे। उन्होंने कहा कि हिन्दू परिवार व्यवस्था में बच्चो को अच्छे संस्कार दिए जाने के साथ ही बड़ो का सम्मान करना भी सिखाया जाता था। हिन्दू परिवारो द्वारा अपनायी जा रही इस व्यवस्था को विश्व के कई देशो में सराहा गया है। 


इसी क्रम में अपने विचार रखते हुए नगर के त्यागी कॉलेज के प्रधानाचार्य चरन शर्मा ने भी आत्मनिर्भर भारत पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है तथा आने वाले समय में भारत विश्व के कई देशो के लिए एक बड़ा बाजार बनकर उभरेगा। उन्होंने इस सफलता के लिए बच्चो को अच्छी शिक्षा व संस्कार दिए जाने पर जोर दिया। 


सभा में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे विभाग संचालक महेश जी ने भी विस्तृत रूप से उक्त दोनों विषयो पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत जब गुलामी की जंजीरो में जकड़ा था तब ही आरएसएस के सस्थापक बलिराम हेडगवार ने कहा था कि यदि हिन्दू एकजुट नहीं हुआ तो भारत आजादी के बाद भी विकास  सकेगा। इसी को लेकर उन्होंने आरएसएस की स्थापना की और एक विश्व्यापी आंदोलन चलाकर हिन्दुओ को इसमें शामिल किया। उन्होंने कहा कि आज भारत के लोग विश्व के अनेक देशो में रहकर कार्य क्र रहे है तथा अपनी प्रतिभा के बल पर अपना एक विशेष स्थान बना चुके है, ये सब हिन्दू परिवार व्यवस्था व अच्छे संस्कारो से ही संभव ही सका है। 


इसी क्रम में अपने विचार रखते हुए सभा में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे लक्ष्मण सिंह विष्ट ने कहा कि हिन्दू परिवार व्यवस्था न केवल परिवार बल्कि देश को एकजुट करने का सन्देश देती है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज हिन्दू समाज अपनी प्राचीन सभ्यता को त्यागते हुए पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहा है जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गो द्वारा दिए गए संस्कारो की वजह से आज हम यहाँ स्थापित हो सके है और नए भारत के निर्माण में सहायक है। यही संस्कार हमे अपनी अगली पीढ़ियों को देने है ताकि विकास का ये क्रम अनवरत जारी रहे तथा भारत भी विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बना सके। 


सभा में मुख्य रूप से सिद्धांत जैन, अंकुश अग्रवाल, कपिल शर्मा, विनीता शर्मा, करन सिंह सैनी, महावीर सैनी, अशोक अग्रवाल, अशोक चंद्रा, राकेश अग्रवाल, पुनीत गुप्ता, अशोक अग्रवाल, विनील त्यागी, मूलचंद त्यागी, गुणवान सिंह, प्रमोद त्यागी, वैभव गोयल, मानू गुप्ता, विजयपाल सिंह, संजय कुमार शर्मा सहित बड़ी संख्या में आरएसएस कार्यकर्ता व गणमान्य उपस्थित रहे। 

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