मंडी समिति मे किये गए अवैध निर्माणो को ध्वस्त करने पहुँची जिला प्रशासन मुरादाबाद की टीम को मौके पर भाजपा विधायक द्वारा धरना दिए जाने का कारण बैरंग ही वापस लौटना पड़ा। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोकने हेतु धरने पर बैठे विधायक ने अधिकारियो पर तमाम आरोप लगाए। इस दौरान अधिकारीगण विधायक की मान मनौव्वल करते दिखाई दिए। देर तक चला ये धरना प्रदर्शन एक वरिष्ठ अधिकारी का फोन आने के बाद समाप्त हुआ।
पाठको को बताना उचित होगा कि मुरादाबाद लाइनपार क्षेत्र मे करीब 44 एकड़ क्षेत्र मे मंडी समिति बनी हुई है। इस परिसर में 258 दुकानें बनी हैं। इसके अतिरिक्त मौके पर करीब 550 से भी अधिक स्थाई और अस्थाई दुकानें और निर्माण भी हैं। इनमें ढाई सौ से अधिक निर्माण अवैध रूप से मंडी समिति की जमीन पर कब्जा कर किए गए हैं। कुछ लोगों ने टीन शेड डालकर अवैध कब्जे किए हैं तो कुछ लोगों ने पक्के दो मंजिला निर्माण तक करा लिए हैं। जिला प्रशासन की टीम इन्हीं अवैध कब्जों को ध्वस्त करने की मुहिम चला रही है। प्रशासन ने कुछ अस्थाई निर्माणों को इसी महीने की शुरुआत मे बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया था। उस समय पक्का निर्माण करने वालों ने खुद से अवैध कब्जे हटाने के लिए 15 दिन की मोहलत मांगी थी।
मोहलत की अवधि पूरी होने के बाद प्रशासनिक टीम बुधवार को दोपहर करीब 3 बजे फिर से बुलडोजर लेकर मंडी समिति पहुंची थी। जिला प्रशासन की टीम के पहुंचने पर अवैध कब्जा धारको ने तुरंत ही नगर विधायक को मौके पर बुला लिया। विधायक रितेश गुप्ता शाम साढ़े 4 बजे मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। विधायक के समर्थक भी उनके साथ धरना देकर बैठ गए। मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट ने विधायक को कई बार धरने से उठाने का प्रयास किया मगर वे नही माने। धरने पर बैठे विधायक ने अधिकारियो पर कई आरोप लगाए और हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा विधायक ने कहा कि वर्ष 1938 में 44 एकड़ में मंडी समिति बनकर तैयार हुई थी। मंडी समिति में 258 दुकानों के रजिस्ट्रेशन हुए थे मगर कुछ समय बाद समिति प्रशासन ने करीब 550 से अधिक लोगों का मंडी समिति में रजिस्ट्रेशन कर दिया। विधायक ने कहा कि पर्याप्त दुकानें न होने पर इतने अधिक रजिस्ट्रेशन क्यों किये गए है। उन्होंने कहा कि ये लोग यहाँ पिछले 40 वर्षो से कारोबार कर रहे हैं, लेकिन अब अचानक इनकी दुकानों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया है।
इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट किंकुश श्रीवास्तव ने बताया कि विधायक ने कुछ पुरानी दुकानों की मरम्मत और नई दुकानों के निर्माण का मुद्दा उठाया है। जिला प्रशासन इसका प्रस्ताव पूर्व मे ही शासन को भेजा जा चुका है। विधायक जी से भी कहा गया है कि वो इसके लिए शासन में पैरवी करें। फिलहाल नई दुकानों के बनने और पुरानी दुकानों की मरम्मत होने तक अवैध कब्जों को तोड़ने की कार्रवाई रोक दी गई है।
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