रिपोर्ट - बिजनौर/उत्तर प्रदेश (निपेन्द्र)
अपने बेटे की हत्या का चश्मदीद गवाह और स्वयं जानलेवा हमले का शिकार हो चुके नयागॉव निवासी संजय 8 हत्यारोपियों की गिरफतारी के लिये जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमन्त्री तक गुहार लगाकर थक गया, लेकिन गिरफतारी नही हो सकी। अपनी इस मुहिम के दौरान वह एक बार फिर जानलेवा हमले का शिकार भी हुआ। मंगलवार को संजय ने शहर मे जजी चौराहे के पास घूमते हूए एक हत्यारोपी अनीस पुत्र शराफत को लोगों की मदद से पकड़ लिया। वह उसे पकड़कर थाने ले आया और पुलिस के हवाले कर दिया। थाना पुलिस ने विवेचना सीबीसीआईडी के अधीन होने की बात कहते हुए हत्यारोपी को गिरफतार कर पाने मे असर्थता जता दी। पुलिस ने आरोपी को थाने मे बिठाया और विवेचक को सूचित किया।
10 फरवरी 2017 को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की रैली के कुछ घन्टों बाद ही विशाल की हत्या कर दी गयी थी। हमले मे विशाल के पिता संजय भी गम्भीर रूप से घायल हुए थे। विशाल की हत्या के आरोप मे गॉव पेदा के पूर्व प्रधान समेत 8 लोगों को नामजद किया गया था। इन में से एक आरोपी हनीफ को गिरफतार भी कर लिया गया था। इस हत्या का कारण पेदा कान्ड एवं राजनीतिक रंजिश बताया गया था। पुलिस पर तत्कालीन विधायक रूचि वीरा के दबाब मे काम करने के आरोप भी लगे थे तथा किसी अन्य आरोपी की गिरफतारी नही हो सकी थी। इस मामले की विवेचना सीबीसीआईडी को सौंप दी गयी थी। इस मामले से भाजपा को भी जबरदस्त फायदा मिला था। पिछले वर्ष मई माह मे सीबीसीआईडी ने उक्त मामले में सातों आरोपियों की गिरफतारी के लिये तहरीर थाना कोतवाली में भेज दी थी। सातों आरोपियों के गैरजमानती वारंट भी जारी हुए थे। थाना कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन इन्सपेक्टर प्रेमवीर राणा के नेतृत्व मे आरोपियों की गिरफतारी को पेदा गॉव मे दबिश भी दी थी। लेकिन कोई पुलिस के हत्थे नही चढा था। इस दबिश के बाद से गिरफतारी का मामला ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया था।
विशाल के पिता संजय ने जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमन्त्री तक व दिल्ली तक नेताओं की चौखटों पर माथा टेका, पर नतीजा शून्य ही रहा। इस दौरान संजय पर एक बार फिर जानलेवा हमला भी हुआ। संजय के अनुसार मंगलवार की सुबह जजी चौराहे के पास उसने घुमते एक आरोपी को देखा और लोगों की मदद से उसे पकड़कर थाने ले गया। नयागॉव व आदोपुर से भी सूचना पर लोग पहुॅच गये थे। थाने ले जाकर आरोपी को निरीक्षक फतेह सिंह को सौंप दिया था। प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि मामला सीबीसीआईडी के हवाले होने के कारण वह अनीस को गिरफतार नही कर सकते है। अनीस को थाने मे बैठाकर विवेचक को सूचना दी गयी है।
13 माह पूर्व हेमेन्द्र सिंह पुत्र सिंह की ओर से थाना कोतवाली मे रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी कि अभियुक्त इकबाल पूर्व प्रधान ग्राम पेदा व नफीस पुत्र रमजानी, फुरकान पुत्र हसन, इफतेखार पुत्र हमीद, अकबर पुत्र जमील, हनीफ पुत्र नन्हें, शमीम पुत्र मुन्ने खॉ व अनीस पुत्र शराफत जो पेदा गॉव के रहने वाले है तथा इन सबको व भली भॉति जानता है। रिपोर्ट मे दर्ज कराया गया था कि 9 फरवरी 2017 को उसके भतीजे विशाल की विधानसभा चुनाव को लेकर किसी बात पर पेदा के पूर्व प्रधान इकबाल से कहासुनी हो गयी थी। विशाल ने इकबाल को कहासुनी के दौरान थप्पड़ मार दिया था। अगले दिन 10 फरवरी को संजय अपने बेटे विशाल के साथ पेदा से आगे सरकारी टयूबवेल पर मोटरसाईकिल से गया था। वही पर उक्त आरोपियों ने विशाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। विशाल को बचाने में उसका पिता संजय भी गम्भीर रूप से घायल हुआ था। इसके बाद एक बार फिर संजय सिंह पर जानलेवा हमला हुआ था जिसकी रिपोर्ट उसने थाने मे दर्ज करायी थी। संजय सिंह ने रिपोर्ट मे कहा था कि वह रोज सुबह टहलने के लिये जाता है। 30 जुलाई की सुबह जब वह टहलने के लिये गया हुआ था। करीब पौने पॉच बजे सुबह एक सुरक्षाकर्मी आशुतोष को साथ लेकर गया था तथा दूसरे सुरक्षाकर्मी विक्रान्त को घर पर ही छोड़ गया था। संजय सिंह द्वारा लिखायी गयी रिपोर्ट के अनुसार वह जैसे ही शौच के उपरान्त ईख के खेत से निकलकर बाहर नाली पर पहुॅचा उस पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने कोई ज्वलनशील पदार्थ फेंक दिया। उसके कपड़ो मे आग लग गयी पर वह तुरन्त ही नाली मे लेट गया और उसकी जान बच गयी। सुरक्षाकर्मी आशुतोष उसके पास आ गया तथा उसे बचा लिया गया। संजय ने रिपोर्ट में कहा था कि उसे जान माल का खतरा बना हुआ है ।
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