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सोमवार, अप्रैल 09, 2018

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सवारियों से भरी बस पर गिरा बिजली का खम्भा, मची चीख पुकार


अमरोहा/उत्तर प्रदेश (शुभम शर्मा)

अभी कुछ दिन पूर्व ही जिला बिजनौर के स्योहारा के पास एक निजी बस मे टैंकर ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे मे चार सवारियों की मौत हो गयी थी। परन्तु तमाम हादसे होने के बाद भी डग्गामार वाहनों व बसों पर प्रशासन अंकुश लगाने मे सफल होता नही नजर आ रहा है। ताजा घटना जिला अमरोहा के हसनपुर क्षेत्र की है। सवारियों से भरी डग्गामार बस पुलिस की ऑखों मे धुल झोंककर मुख्य मार्ग को छोड़ लिंक मार्ग से दिल्ली की ओर जा रही थी। सहसवान से सवारियॉ भरकर दिल्ली जा रही डग्गामार बस को जैसे ही चालक ने मोड़ पर घुमाया बिजली का तार टुटकर बस पर गिर पड़ा। इस प्रकरण में यह गनीमत ही रही कि बस को कहीं से भी अर्थ नही मिला अन्यथा न जाने कितने लोगों की जान पर बन आती। बिजली विभाग की ओर से चालक के खिलाफ तहरीर दी गयी है। घटना शाहपुर कलॉ - करखनाल लिंक मार्ग की है। सवारियों से भरी बस जैसे ही मोड़ पर घुमी खम्भे से जा टकरायी। बस से उलझकर दो खम्भे व तार टुट गये। प्रत्यक्षदर्शियों के अनंुसार उस समय बिजली आ रही थी। करंट दौड़ रहे तार बस मे उलझ गये। बस में मौजूद सवारियों मे चीख पुकार मच गयी। इतना सब होने पर भी बस चालक बस को लेकर भागने की फिराक मे था। आसपास खेतों मे काम कर रहे ग्रामीणों ने बस को रोक लिया।
प्रत्यक्षदर्शी करनखाल निवासी कलुआ के अनुसार जब बस तारों मे उलझी तथा खम्भे गिरे उस समय बिजली आ रही थी। खम्भों के टुट जाने पर कुछ समय को बिजली चली गयी पर फिर आ गयी। खम्भों केे टुटने के कारण जमीन पर गिरे तारो आग की लपटें उठने लगी। गनीमत रही कि कहीं से अर्थ नही मिल पाया अन्यथा घटना भयावह रूप ले सकती थी। इसी बीच लाईनमैन मौके पर पहुॅचा और चालक से कुछ बातचीत कर बस को वहॉ से रवाना कर दिया। अवर अभियन्ता रविश त्यागी ने कहा कि तारों व खम्भों के टुटने का मामला उनके संज्ञान मे है। बस चालक के खिलाफ तहरीर भी दी गयी है। ग्रामीणों का कहना है कि मौके पर पहुॅचे संविदाकर्मी ने बस चालक से दो हजार रूपये रिश्वत के रूप मे लिये तथा बस को मौके से चलता कर दिया।
यहॉ यह बताना उचित होगा कि सहसवान, बॅदायु व सम्भल की ओर से दिल्ली की ओर जाने वाले डग्गामार वाहन पुलिस की ऑखों मे धुल झोंककर शाहपुर कलॉ लिंक मार्ग से ही आते जाते है। ये वाहन आगे जीरो पाइन्ट पर पहुॅचकर हाईवे पकड़ लेते है। यह रास्ता ग्रामीण व सॅकरा होने के कारण कई बार ऐसे हादसे होते रहते है। अधिकारियों को इस बारे मे जानकारी भी है परन्तु मिलीभगत के कारण इन पर अंकुश लगाने को कोई सख्त कार्रवाई नही की जाती है।



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