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रविवार, अप्रैल 15, 2018

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निजी नर्सिंग होम - दावे बड़े बड़े पर सुविधाओ के नाम पर सन्नाटा (Video)

रिपोर्ट - नूरपुर/बिजनौर (संजय कुमार शर्मा)
 
देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी लगातार स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का नारा दे रहे है। भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिये अनेको प्रयास भी सरकारी स्तर पर किये गये है। खेद का विषय है कि सरकारी अस्पतालो और चिकित्सालयो की हालत तो अभी भी नही सुधर सकी है परन्तु छोटे शहरो व ग्रामीण क्षेत्रो मे एम0बी0बी0एस0, एम0डी0 की डिग्रियॉ लेकर जिन चिकित्सको ने निजी चिकित्सालय खोल लिये है उनकी स्थिति भी दयनीय है। यह निजी चिकित्सालय केवल पैसा कमाने का माध्यम बने नजर आ रहे है। 
यह वाक्या है जनपद बिजनौर के नूरपुर का जहॉ शनिवार की रात लगभग 11 बजे एक मरीज को लेकर पहुॅचे तिमारदार उसका एक्स रे कराने के लिये भटकते रहे। नूरपुर मे संजय एक्स रे के नाम से एक एक्स रे हाउस संचालित हो रहा है परन्तु काफी देर वहॉ रूके रहने पर भी तिमारदार अपने मरीज का एक्स रे नही करा सके क्योकि एक्स रे हाउस बन्द हो चुका था। मरीज दर्द से कराहता रहा तिमारदार मरीज को लेकर डा0 मौहम्मद खलील के अस्पताल पहुॅचे। यहॉ की स्थिति भी बहुत अच्छी नही थी। रिसेप्शन पर बैठी युवती ने यह कहकर तिमारदारो को टाल दिया कि कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नही है। जब तिमारदारो ने कहा कि केवल एक्स रे करा दीजिये तो जबाब मिला कि इस समय एक्स रे टैक्निशियन भी उपलब्ध नही है। अस्पताल कर्मचारियांे के इस जबाब पर तिमारदारो की परेशानी और बढ गयी और उन्होने पुछा यदि देर रात कोई दुर्घटना का मामला आता है तो क्या उसको उपचार नही मिलेगा। इस पर अस्पताल कर्मचारियों ने जबाब दिया आप अपने मरीज को यहॉ से ले जाईये यहॉ ऐसी कोई सुविधा इस समय उपलब्ध नही है। न्यूज इन्डिया 17 के सम्पादक स्वयं भी तिमारदारो मे शामिल थे और मरीज को फीना गॉव से लेकर यहॉ पहुॅचे थे। परेशान तिमारदारो ने बार बार अस्पताल कर्मचारियों से आग्रह किया कि आप किसी चिकित्सक को फोन कर बुला लीजिये। तिमारदारो ने अस्पताल कर्मचारियो से कहा कि मरीज को चोट लगी है और दर्द से कराह रहा है। मगर कोई सन्तोष जनक जबाब नही मिला और न ही कार मे मौजूद मरीज को किसी ने देखने तक की जहमत उठाना मुनासिब समझा। अस्पताल कर्मचारियों ने अपना पीछा छुड़ाने के लिये पुलिस को बुला लिया। मौके पर पहुॅचे सब इन्सपेक्टर अमित कुमार शर्मा ने तिमारदारो पर हंगामा करने का इल्जाम लगाया और तुरन्त वहॉ से चले जाने को कहा। इस पर जब सम्पादक न्यूज इन्डिया 17 ने उनसे बात की तो उनके साथ भी पहले तो उसी तरह की बात की गयी। परन्तु जब उनसे यह पूछा गया कि क्या किसी तिमारदार ने किसी भी अस्पताल कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार किया है अथवा अस्पताल की किसी सम्पत्ति को नुकसान पहुॅचाया है। इस पर इन्सपेक्टर महोदय का जबाब था कि मुझे तो फोन कर बुलाया गया है। जब उनसे पूछा गया कि आप किस प्रकार के हंगामे की बात कर रहे है तो वे जबाब नही दे सके। उनके बुलाने पर अस्पताल के अन्दर से ही एक चिकित्सक महोदय भी बाहर आये जबकि पहले यह कहा गया था कि कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नही है। चिकित्सक महोदय आये तो पर वह भी चिकित्सा सेवा देने मे असमर्थ ही निकले। थोड़ी देर बाद ही एक महिला चिकित्सक भी बाहर आयी इस प्रकरण पर उनका कहना था कि हम डिग्री होल्डर डॉक्टर्स है हमारा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता। तिमारदार अपने मरीज को लेकर वहॉ से धामपुर चले गये।
खेद का विषय है कि जिस अस्पताल की दीवारो पर बाकायदा आधा दर्जन से अधिक चिकित्सको के नाम लिखे है तथा आपातकालीन स्थिति के लिये भी चिकित्सक का उल्लेख किया गया है। वहॉ एक चोट लगे मरीज को चिकित्सा देने वाला कोई भी उपलब्ध नही था। सोने पर सुहागा यह कि परेशान तिमारदारो और दर्द से कराहते मरीज को कुछ आराम देने की बजाय उल्टा पुलिस बुलाकर उन पर हंगामा किये जाने का आरोप लगाया जा रहा है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो कैसे होगा मोदी का सपना सच, कैसे होगा स्वस्थ भारत का निर्माण।




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