रिपोर्ट - नहटौर/बिजनौर (मोहित शर्मा)
प्राईवेट अस्पताल मे प्रसव के लिये भर्ती करायी गयी महिला की उपचार के दौरान हालत बिगड़ गयी। प्रसूता की हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने उपचार से ही हाथ खड़े कर दिये। जब परिजनो ने प्रसूता की हालत देखी और उपचार मे लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया तो महिला को दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया। परन्तु शायद होनी को अनहोनी मे तब्दील होना तय था प्रसूता को यहॉ भी उपचार नही मिल सका और वहॉ से हायर सेन्टर रेफर कर दिया गया। इस भागादौड़ी और अस्पताल से अस्पताल भटकने मे ही रास्ते मे ही प्रसूता व गर्भस्थ शिशु दोनो की मौत हो गयी। मृतका के परिजनो ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तहरीर पुलिस को दी है। यह निजी चिकित्सालय स्वास्थय विभाग मे कार्यरत एक एएनएम का बताया जा रहा है।
सोमवार सुबह प्रसव पीड़ा होने पर गॉव रूखडि़यो निवासी गीता आयु 28 वर्ष पत्नी अर्जुन सिंह को परिजनो ने नहटौर के बैरमनगर स्थित एक प्राईवेट अस्पताल मे भर्ती कराया था। प्रसूता की उपचार के दौरान ही शाम को अचानक हालत बिगड़ने लगी। प्रसूता की हालत बिगड़ने पर चिकित्सक ने उपचार किये जाने के नाम पर हाथ खड़े कर दिये। आक्रोशित परिजनो ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर पहुॅची पुलिस ने परिजनो का समझाबुझाकर शान्त किया। यहॉ से ले जाकर प्रसूता को दूसरे निजी नर्सिंग होम मे भर्ती कराया गया। प्रसूता की स्थिति को गम्भीर मानते हुए चिकित्सको ने हायर सेन्टर ले जाने की सलाह दी। परिजन प्रसूता को लेकर बिजनौर स्थित एक निजी अस्पताल पहुॅचे। अस्पताल ले जाने के दौरान ही प्रसूता व गर्भस्थ शिशु दोनो की मौत हो गयी। मृतका के पति अर्जुन सिंह ने इस मामले मे तहरीर देकर आरोपित चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही की मॉग की है।
बताया गया कि नहटौर स्थित जिस निजी चिकित्सालय मे प्रसूता को भर्ती कराया गया था उसकी संचालिका नहटौर सीएचसी मे कार्यरत एक एएनएम है। किसी भी नोडल अधिकारी अथवा सीएमओ ने उक्त अस्पताल पर न छापा मारा है और न ही इसके खिलाफ कोई कार्यवाही की हैै। अब नोडल अधिकारी एसके निगम ने निष्पक्ष जॉच एवं कार्रवाई किये जाने का आश्वासन दिया है।
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