आज शनिवार को सर्व समाज जागरूकता अभियान (भारत) एवं महापुरुष स्मारक समिति के संयुक्त तत्वावधान में महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक एवं क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती कागज़ी मौहल्ला स्थित शहीद गिरीश चन्द्र जूनियरहाईस्कूल में मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीयअध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने दोनों महान देशभक्तों के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के चिखली गाँव मे हुआ था। लोकमान्य तिलक स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, समाजसुधारक, वकील थे। लोकमान्य की उपाधि उन्हें भारत की जनता ने दी। लोकमान्य तिलक ने ब्रिटिश शासन से कहा " स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा।" जब वह 16 बर्ष के थे तव पिता गंगाधर रामचंद्र तिलक का निधन हो गया। इसके बाद माता पार्वती बाई गंगाधर ने उनकी पालन पोषण किया। तिलक ने 1877 में बीए 1879 में एलएलबी की। वह आधुनिक कॉलेज शिक्षा पाने वाली पहली पीढ़ी में से एक थे। वह पहले स्कूल,कॉलेज में गणित के शिक्षक बने। तिलक ने इंग्लिश में मराठ और मराठी में केसरी समाचार पत्र निकाला। केसरी में लेख-देश का दुर्भाग्य छापने के कारण उन्हें माण्डले जेल (वर्मा) में डाल दिया गया। 6 वर्षो के कारावास के कारण वह अपनी पत्नी सत्यभामा के अंतिम दर्शन नही कर पाए। जेल से आने के बाद उन्होंने स्वदेशी आंदोलन चलाया। वह कांग्रेस में गरम दल के नेता थे, उन्हें ब्रिटिश सरकार अशांति का पिता कहती थी। गरम दल में लालालाजपतराय, बाल गंगाधर तिलक, विपिन चन्द्र पाल थे, इनकी तिकड़ी को लाल-बाल-पाल से जाना जाता था। 1 अगस्त 1920 को मुंबई में इनका निधन हुआ,तब गांधी जी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता तथा पण्डित नेहरू ने आजादी का जनक बताया था। राष्ट्रीयअध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने आगे कहा कि क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के भावरा गाँव मे हुआ था। वर्तमान में इसे चंद्रशेखर आजाद नगर कहते है। आजाद के पिताजी सीताराम तिवारी, माताजी जगरानी देवी थी। आजाद का प्रारंभिक जीवन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बीता जहां वह भील बालकों के साथ धनुषबाण सीखे और निशानेबाज बन गये। काशी पढ़ने पहुंचे, वहां क्रांतिकारी दल के सदस्य बन गये। 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड से देश के युवाओं में गुस्सा था। उस समय आजाद पढ़ रहे थे। 1920 में गाँधी जी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया, आज़ाद भी सड़कों पर उतरे, उन्हें ग्रिफ्तार कर लिया गया। जज के सामने पेश किया गया नाम पूंछा आज़ाद बताया, माँ का नाम भारत माता बताया। जज ने 15 कोड़ो की सजा सुनाई। उन्हें नँगा कर टिकटी से बांधकर कोड़े मारे हर कोड़े के बाद वह भारत माता की जय बोलते, शरीर की चमड़ी उधड़ गई, जज ने इलाज़ को पैसे दिये उन्होंने जज के ऊपर ही फेंक दिए। वह शहीद रामप्रसादबिस्मिल के हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बने। 9 अगस्त 1925 को काकोरी कांड में, 17 दिसम्बर 1928 को लालालाजपतराय की मौत का बदला लेने के लिए जे पी सांडर्स की हत्या में, 8 अप्रैल 1929 को केंद्रीय असेम्बली दिल्ली में बम फेंकने में भगतसिंह, बटकेश्वर दत्त के साथ थे। ब्रिटिश शासन ने 700 पुलिस कर्मी उन्हें पकङने को लगाए। जब वह गणेश शंकर विद्यार्थी से कानपुर जेल में मिलकर इलाहाबाद पण्डित नेहरू से 20 फरवरी को भगतसिंह, राजगुरु,सुखदेव थापर की फांसी की सजा हटवाने के वारे में गाँधीजी से नेहरु बात करे कहकर इलाहाबाद में अगली रणनीति 27 फरवरी को अल्फ्रेड पार्क में मित्र के साथ एक पेड़ के नीचे बना रहे थे ,तव सी आई डी का एसएसपी नाट बाबर वहां आ गया।उसके साथ ब्रिटिश पुलिस थी। दोनों ओर से गोलीबारी हुई तव आजाद ने पिस्तौल से तीन पुलिस कर्मी मार गिराए और एक अधिकारी के जबड़े में गोली मारी लेकिन पिस्तौल में आखिरी गोली बची उसे अपनी कनपटी पर 27 फरवरी 1931 को वीर गति को प्राप्त हो गए मैं आज़ाद हूँ,आजाद रहूंगा। उस अल्फ्रेड पार्क का नाम चंद्रशेखरआज़ाद पार्क है। जिसे मुझे देखने का अवसर 2012 में मिला, मैंने उसकी मिट्टी को माथे पर जब लगाया तव आजाद की याद में आँसू निकल आये।अध्यक्षता करते हुए श्री मति संगीता गौतम, नगर अध्यक्ष प सच्चिदानंद शर्मा, संचालक दिनेश चन्द्र गुप्ता, देवेंद्र प्रसाद शर्मा, प्रमोद कुमार गुप्ता, रोशन लाल, वेदराम मौर्य, हेमंत कुमार गुप्ता, पूजा आनन्द, नीलमा गुप्ता, नमिता अग्रवाल ने विचार व्यक्त किये।कु अवनि,कु चाहत,कु अंशिका,कु अंजली,कु सलोनी,कु राधिका,अहम,अयान,माहिनूर,अल्बिश, छवि,हुदा,मुहम्मद सहूर,अमा,कृष्णा,सुमित छात्र,-छात्राओं ने देशभक्ति कविता गीत प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री मति संगीता गौतम ने की,संचालन पूर्व बैंक मैनेजर श्री दिनेश चंद्र गुप्ता ने किया।व्यवस्थापक ब्राह्मण महासभा के नगर अध्यक्ष पण्डित सच्चिदानंद शर्मा रहे। विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रवक्ता देवेंद्र प्रसाद शर्मा,मनोकामना इंटर कॉलेज के प्रबंधक प्रमोद कुमार गुप्ता रहे,पूर्व प्रधान पल्था वेदराम मौर्य,पूर्व अधिकारी एन के शर्मा, पूर्व प्रधानाध्यापक रोशन लाल, हेमन्त गुप्ता रहे।
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