धामपुर- रामगोपाल रामचन्द्र सरस्वती विद्या मंदिर में इण्टरमीडिएट के छात्रों को दी गयी भाव-भीनी विदाई

रिपोर्ट - धामपुर/जिला बिजनौर से तहसील प्रभारी विपिन कुमार। 


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     रामगोपाल रामचन्द्र सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज धामपुर में इण्टरमीडिएट के छात्रों को कक्षा 11 के छात्रों एवं समस्त विद्यालय परिवार ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुये भाव-भीनी विदाई दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना से किया गया।इस अवसर पर सांस्कृतिक विभाग की ओर से एक भव्य रंगारंग कार्यक्रम मनाया गया। इसमें कक्षा 11 एवं इण्टर अनेक छात्रों ने अपनी मधुर संस्मरण प्रस्तुत किये इनमें कक्षा12ग के यशवर्धन, तनुज चौहान, कामेन्द्र शर्मा, मोहन लाल, उमंग  एवं अभय प्रताप सिंह  के संस्मरण और अमन सैनी व आर्यन व कार्तिक के गीत ‘‘जब जीरो दिया मेरे भारत ने दुनिया को तब गिनती आयी।’’ ने सबको प्रभावित किया। कार्यक्रम का संचालन आचार्य रामजी पाण्डेय और छात्र गौरवराज ने किया और संयोजक आचार्य कपिलदेव, विवेक कुमार गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और सुधीर कुमार सक्सेना रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुरादाबाद के संभाग निरीक्षक व सरस्वती शिशु मंदिर धामपुर के प्रधानाचार्य शिवकुमार शर्मा रहे। इस अवसर पर आचार्य राजवीर सिंह, आचार्य कावेन्द्र सिंह व आचार्य योगेश कुमार ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। 

    आचार्य राजवीर सिंह ने छात्रों को परीक्षा प्रणाली में सुधार, सी0सी0 कैमरे की पारदर्शता प्रश्नों के उत्तरों के खण्ड व संख्या को सुस्पष्ट सुलेख में करने व दो उत्तरों के बीच अंतर रखने का सुझाव दिया। उन्होंने शिक्षा के पलायन को रोकने के लिए छात्रों को मेजर ध्यानचंद्र का उदाहरण से अपनी मातृभूमि की सेवा का संकल्प दिलाया। उन्होंने छात्रों को अहसास दिलाया कि देश की जिम्मेदारी नहीं कि हमें आगे बढ़ाये बल्कि हमारी जिम्मेदारी है कि देश को आगे बढ़ायें।

    आचार्य कावेन्द्र सिंह ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुये कहा कि छात्र अपनी दिशा सुनिश्चित करें और शान्त मन से परीक्षा देें। और आचार्य योगेश कुमार ने कहा कि यह आयु बंदर जैसी चंचलता की होती है इससे बचकर जीवन के महत्व को समझें।

    मुरादाबाद संभाग के संभाग निरीक्षक व स0शि0मं0 धामपुर के प्रधानाचार्य शिवकुमार शर्मा ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर धामपुर अपना शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम व अनुशासन के लिये अपना स्थान रखता है। जीवन में छात्र कुछ भी बने लेकिन विद्यालिय के संस्कार न भूलें और विद्यालय व आचार्य परिवार के प्रति संवेदन शीलता अवश्य बनाये रखे।

    अंत में प्रधानाचार्य चंद्र किशोर ने मुख्य अतिथि शिव कुमार शर्मा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत माता की जय के साथ भारत के सपूतों (छात्रों) का भी जयघोष कराया। यहॉं के छात्र सदा के लिये विद्या भारती के पूर्व छात्र रहते हैं सदा उनका स्वागत है। वे इस संस्थान के व संस्थान उनकी शान  है, दोनों एकदूसरे के पूरक हैं। इस अवसर पर सभी आचार्य उपस्थित रहे। 

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