रिपोर्ट - इलाहाबाद/उत्तर प्रदेश (न्यूज इन्डिया 17)
विगत 12 मार्च 2018 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक शासनादेश जारी कर अल्पसंख्यक इन्टर कॉलेजो मे नियुक्तियॉ केवल प्रबन्धन समिति द्वारा किये जाने पर रोक लगा दी गयी थी। इस आदेश मे कहा गया था कि अब इन कॉलेजो मे अब अध्यापको की भर्तियॉ शिक्षा निदेशक के द्वारा गठित 5 सदस्यीय कमेटी के द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से की जायेगी। इस आदेश के आने के बाद अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानो ने इस पर अपना विरोध जताया था तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट मे याचिका दायर की गयी थी। याचिका मैथोडिस्ट गर्ल्स इन्टर कॉलेज व अन्य इन्टर कॉलेजो ने दायर की थी। जिस पर न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से जबाब मॉगा था।
कल दिनॉक 30 अप्रैल 2018 तक प्रदेश सरकार ने कोर्ट मे काउन्टर एफिडेविट नही जमा किया था। सरकार की इस उदासीनता के चलते इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फिलहाल सरकार के उक्त शासनादेश पर रोक लगा दी है। अब देखना यह है कि अगली सुनवाई पर यह मामला क्या मोड़ लेता है फिलहाल तो स्थिति अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानो मे पक्ष मे दिखायी दे रही है।