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गुरुवार, अक्टूबर 24, 2024

मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से संबंधित नए नियम बनाए, जानें क्या बदला

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से संबंधित नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। पेंशन और पेंशनभोगियों के कल्याण विभाग (DoP&PW) के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, वे कर्मचारी जो 20 वर्ष की नियमित सेवा पूरी कर चुके हैं, वे नियुक्ति प्राधिकारी को तीन महीने का नोटिस देकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं।

यह कार्यालय ज्ञापन 11 अक्टूबर 2024 को जारी किया गया था। नए नियमों के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी 20 वर्ष की सेवा पूरी कर चुका है, तो वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर सकता है। यदि नियुक्ति प्राधिकारी आवेदन को अस्वीकृत नहीं करता है, तो सेवानिवृत्ति नोटिस अवधि के समाप्त होने पर प्रभावी हो जाएगी।

यदि कोई केंद्रीय कर्मचारी तीन महीने से कम नोटिस अवधि में सेवानिवृत्ति लेना चाहता है, तो उसे लिखित में इस बारे में अनुरोध करना होगा। नियुक्ति प्राधिकारी इस अनुरोध पर विचार करके नोटिस अवधि को कम कर सकता है। एक बार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का नोटिस देने वाले केंद्रीय कर्मचारी इसे बिना प्राधिकारी की स्वीकृति के वापस नहीं ले सकते। यदि वे इसे वापस लेना चाहते हैं, तो उन्हें उस दिन से 15 दिन पहले आवेदन करना होगा, जब सेवानिवृत्ति के लिए स्वीकृति मांगी गई थी।

DoP&PW के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पीएफआरडीए नियमों 2015 के तहत सभी लाभ मिलेंगे। उन्हें नियमित सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर दी जाने वाली सुविधाएं मिलेंगी। यदि कोई सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के दिन व्यक्तिगत पेंशन खाता जारी रखना चाहता है या एनपीएस के तहत लाभों को स्थगित करना चाहता है, तो वह पीएफआरडीए के नियमों के अंतर्गत इस विकल्प का चयन कर सकता है।

पेंशन और पेंशनभोगियों के कल्याण विभाग के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी विशेष स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत अतिरिक्त कर्मचारी के रूप में सेवानिवृत्त होता है, तो ये नियम उन पर लागू नहीं होंगे। इसके अलावा, यदि कोई कर्मचारी सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या स्वायत्त संगठन में कार्यरत होता है, तो ये नियम उस पर लागू नहीं होंगे।

PC - INDIA TODAY